लिस्बन। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर रविवार रात पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन पहुंचीं, जहां वह पुर्तगाली नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगी। किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की पुर्तगाल यात्रा 27 वर्षों के अंतराल के बाद हो रही है, तथा ऐसे समय हो रही है जब भारत और पुर्तगाल अपने राजनयिक संबंधों की पुनः स्थापना के 50 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
भारत की ओर से पुर्तगाल की अंतिम राजकीय यात्रा 1998 में राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने की थी। मुर्मु की पुर्तगाल यात्रा राष्ट्रपति मार्सेलो रेबेलो डी सूसा के निमंत्रण पर हो रही है। मुर्मु अपने समकक्ष राष्ट्रपति डी सूसा से मुलाकात करेंगी और प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता करेंगी। वह प्रधानमंत्री लुइस मोंटेनेग्रो और नेशनल असेंबली (संसद) के अध्यक्ष जोस पेड्रो अगुइर-ब्रैंको से भी मुलाकात करेंगी।
भारत और पुर्तगाल के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण द्विपक्षीय संबंध हैं, जो वर्षों से विकसित होकर एक आधुनिक, बहुआयामी और गतिशील साझेदारी में बदल चुके हैं, जिसकी विशेषता सहयोग के कई क्षेत्रों में मजबूत विकास एवं विस्तार है। एक बयान में कहा गया कि यह यात्रा पुर्तगाल के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को और ज्याद प्रोत्साहन तथा नई गति प्रदान करेगी। मुर्मु इसके बाद नौ से 20 अप्रैल तक स्लोवाकिया की राजकीय यात्रा पर रहेंगी।
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