दंतेवाड़ा। आज जिला पंचायत सभागार में कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के मैदानी अधिकारियों, कृषि मित्रों, कृषि सखियों और जैविक कार्यकर्ताओं के लिए एक कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कृषि के क्षेत्र में एआई तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देना था, ताकि जैविक खेती में किसानों को उत्पादकता बढ़ाने, लागत कम करने और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने में मदद मिल सके। इस कार्यषाला में फसल निगरानी और प्रबंधन ’’सैटेलाइट इमेजिंग’’ और ’’ड्रोन एआई’’ का उपयोग करके और ’’सैटेलाइट और ड्रोन’’ से प्राप्त छवियों के विश्लेषण, फसल की स्वास्थ्य स्थिति, मिट्टी की गुणवत्ता और पानी की आवश्यकता का पता लगाने, फसल रोग और कीट प्रबंधन, एआई मॉडल के माध्यम से फसलों में रोग और कीटों की पहचान करने, सटीक कृषि सेंसर के जरिये और मिट्टी, पानी और मौसम की स्थिति की निगरानी करने, एआई इन डेटा का विश्लेषण करके किसानों को सही समय पर सही निर्णय लेने में मदद किए जाने, स्वचालित सिंचाई प्रणाली एआई आधारित सिस्टम मिट्टी की नमी और मौसम की स्थिति के आधार पर सिंचाई को स्वचालित रूप से नियंत्रित किए जाने, फसल पूर्वानुमान ’’यील्ड प्रेडिक्शन एआई मॉडल ऐतिहासिक डेटा’’, मौसम की स्थिति और मिट्टी की गुणवत्ता का उपयोग करके फसल की उपज का सटीक अनुमान लगाने, मार्केट ट्रेंड ’’एनालिसिस एआइ’र्’ का उपयोग करके बाजार की मांग और कीमतों का विश्लेषण करने, स्वचालित मशीनरी ’’रोबोटिक्स एआई’’ आधारित ’’रोबोट्स’’ का उपयोग बुवाई, निराई, कटाई और छंटाई जैसे कार्यों में किए जाने, श्रम लागत, कम करने के उददेष्य से स्वचालित एआई से लैस ट्रैक्टर, मिट्टी और पानी प्रबंधन मिट्टी विश्लेषण एआई मिट्टी की गुणवत्ता और पोषक तत्वों का विश्लेषण करके उर्वरकों के उपयोग को अनुकूलित करने के संबंध में जानकारी दी गई।
कार्यशाला यह भी बताया गया कि एआई जल संसाधनों के प्रबंधन में मदद करता है, जिससे पानी की बर्बादी को कम किया जा सकता है। साथ ही एआई आधारित वर्चुअल असिस्टेंट किसानों को फसल प्रबंधन, बाजार जानकारी और सरकारी योजनाओं के बारे में सलाह देते हैं। पशु पालन की दृष्टि से पशु स्वास्थ्य निगरानी एआई का उपयोग करके पशुओं के स्वास्थ्य और व्यवहार की निगरानी की जाती है, जिससे बीमारियों का समय पर पता लगाया जा सकता है। दुग्ध उत्पादन प्रबंधन एआई डेयरी फार्मों में दुग्ध उत्पादन को अनुकूलित करने में मदद करता है। आपदा प्रबंधन मौसम पूर्वानुमान एआई मॉडल मौसम की स्थिति का सटीक पूर्वानुमान लगाते हैं, जिससे किसानों को आपदाओं से बचने में मदद मिलती है।
बाढ़ और सूखा प्रबंधन एआई का उपयोग करके बाढ़ और सूखे की स्थिति का पूर्वानुमान लगाया जाता है, जिससे किसानों को समय पर सुरक्षात्मक उपाय करने में मदद मिलती है। एआई कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है, जिससे किसानों को अधिक उत्पादक और टिकाऊ खेती करने में मदद मिल रही है। यह तकनीक न केवल दंतेवाड़ा जिले में उत्पादन बढ़ाने में उपयोगी सिद्ध होगी, बल्कि पर्यावरणीय प्रभाव को भी कम करेगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला प्रशासन से अलका महोबिया, सूरज पंसारी (उपसंचालक, कृषि), भूमगादी संचालक आकाश बढ़वे, मीना मंडावी (सहायक संचालक, उद्यान), केवीके, सहायक संचालक धीरज बघेल और भोले लाल पैकरा सहित 150 ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी, कृषक मित्र, जैविक कार्यकर्ता एवं प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहे।
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