शराब घोटाला केस:पूर्व मंत्री कवासी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज


रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका को ईओडब्ल्यू कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को इस मामले में ईओडब्ल्यू और बचाव पक्ष की लंबी बहस चली थी। इस दौरान बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि ईओडब्ल्यू ने एफआईआर के आधार गिरफ्तारी की है।

कवासी लखमा विधायक हैं। सेक्शन 17ए के तहत उनकी गिरफ्तारी से पहले सरकार की मंजूरी लेनी थी। लेकिन बिना सरकारी अनुमति के उन पर कार्रवाई की गई। इसके बाद बुधवार को ईओडब्ल्यू के वकील मिथलेश वर्मा व सौरभ पांडे ने कोर्ट में बताया कि जांच के लिए धारा 17ए के तहत बहुत पहले ही अनुमति ले ली गई थी।

बुधवार सुबह 11 बजे कोर्ट में अनुमति का दस्तावेज पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि ईडी के शराब घोटाला केस के समान तथ्यों और आरोपों के आधार पर ईओडब्ल्यू-एसीबी ने एफआईआर दर्ज की है। जिसमें जांच चल रही है।

विधायक लखमा को आशंका है कि उसे भी प्रताड़ित करने के आशय से उक्त प्रकरण में गिरफ्तारी की जा सकती है। इसलिए उनकी ओर से ईओडब्ल्यू कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई गई थी। वहीं ईओडब्ल्यू की ओर से कहा गया कि कवासी पर विभाग प्रमुख होने के नाते आबकारी विभाग में हो रहे आपराधिक क्रियाकलापों की पूरी जानकारी थी। विभाग में जो भी अवैध वसूली और अवैध काम के लिए आपराधिक सिंडिकेट को उन्हीं ने ही अस्तित्व में लाया। इस आरोप के तहत ही ईओडब्ल्यू ने जमानत याचिका खारिज करने की मांग की थी।

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