रायपुर। नगरीय निकाय-पंचायत चुनाव के लिए 20 जनवरी से प्रदेश में आचार संहिता लग सकती है। इसके पहले रविवार को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक होने जा रही है।
पंचायत-निकाय चुनाव से पहले होने वाली इस बैठक में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। इसमें महतारी वंदन के हितग्राहियों के लिए नए सिरे से आवेदन, गरीब वर्ग की महिलाओं के लिए कम दाम में सिलेंडर, मजदूरों को 10 हजार रुपये सालाना देने की योजना सहित अन्य एजेंडाें पर मुहर लग सकती है।
राज्य सरकार ने 24 फरवरी से 21 मार्च तक बजट सत्र आयोजित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए राज्य सरकार ने विधानसभा को प्रस्ताव भेज दिया है। हालांकि विधानसभा से इस संबंध में कोई पुष्ट जानकारी नहीं मिली है, मगर ये तो तय हैं कि मार्च के पहले सप्ताह में राज्य का अगला बजट जारी किया जाएगा। लिहाजा, अटकलें लगाई जा रही हैं कि बजट सत्र के पहले ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
आचार संहिता लगने से पहले मंत्रिमंडल की बैठक 19 जनवरी को होगी। इसके लिए रविवार के लिए मंत्रालय सुबह खुलेगा। ये पहला मौका होगा जब रविवार को भी मंत्रालय खुलेगा।
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री सहित सभी 11 मंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी मंत्रालय में मौजूद होंगे। आचार संहिता लगने से पहले राज्य सरकार कुछ बड़े ऐलान कर सकती है।
आचार संहिता लागू होने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार कोई बड़े फैसले नहीं कर पाएगी और न ही कोई बड़ी घोषणा कर पाएगी।
प्रदेश के 14 नगर निगम में से 10 निगम, 54 नगर पालिका में से 47 पालिकाओं और 124 नगर पंचायतों में से 95 पंचायतों में चुनाव होगा। इसके अलावा प्रदेश के 11,669 ग्राम पंचायतों में चुनाव होगा।
इस बार पांच नगर निगमों में महिला महापौर चुनीं जाएंगी। इनमें रायपुर, कोरबा और बीरगांव में सामान्य वर्ग की महिलाएं चुनाव लड़ सकेंगी। जबकि रिसाली में अनुसूचित जाति और दुर्ग में अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला को महापौर के लिए चुनाव लड़ने का मौका मिलेगा।
इसी तरह भिलाई, भिलाई-चरोदा, बिलासपुर नगर निगम को अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। जबकि जगदलपुर, चिरमिरी को सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है।
वहीं रायगढ़ नगर निगम अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किया गया है। अंबिकापुर नगर निगम अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।
इस बार महापौर का चुनाव सीधे जनता करेगी। पिछली बार वर्ष 2019 में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने महापौर चुनने की शक्ति पार्षदों को दे दी थी।
14 नगर निगमों में से केवल 10 निगमों में ही चुनाव होंगे। रिसाली, भिलाई, बीरगांव और भिलाई-चरोदा निगम में अभी चुनाव नहीं होंगे, क्योंकि इन निगमों का कार्यकाल दिसंबर 2025 में पूरा हो रहा है।
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