रायपुर। शीतकालीन सत्र के पहले दिन नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत ने प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के लिए तौल मशीन आदि की खरीदी का मामला उठाया। जिस पर वन मंत्री केदार कश्यप ने सदन को बताया कि तराजू खरीदने के लिए विभिन्न समितियों ने नियमों का पालन नहीं किया जिनके खिलाफ नियमानुसार की जाएगी।
डॉ. चरण दास महंत वन मंत्री से जाना चाहा कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं के लिए अप्रैल, 2024 से 25 नवम्बर, 2024 तक क्रय किये गये तौलाई मशीनों, तालपत्री, नमी मापक यंत्रों तथा बारदाना सिलाई मशीन की जिलावार संख्याएं (संख्या एवं मशीनें), राशि तथा क्रय की पद्धति का विवरण देवे? इस क्रयकरण में भंडार क्रय नियमों का पालन किया गया है? क्या जेम पोर्टल से क्रय किया गया है? यदि नहीं तो क्यों? क्या भिन्न-भिन्न संस्थाओं के द्वारा क्रय एक समान मशीनों/वस्तुओं की दरों में भिन्नताएं हैं? यदि हां तो कारण क्या है? क्रय करने के लिए किसके द्वारा क्या-क्या निर्देश दिये गये थे? यदि नहीं तो क्यों? वन मंत्री ने बताया कि प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा अप्रैल 2024 से 25 नवम्बर 2024 तक क्रय किये गये तौल मशीन, तालपत्री, नमी मापक यंत्र, तथा बारदाना सिलाई मशीन की उल्लेखित सामग्रियों के क्रयकरण में भंडार क्रय नियमों के पालन तथा जेम पोर्टल से क्रय के संबंध में की गई है। सहकारी समितियों द्वारा सामग्रियों की खरीदी अपनी आवश्यकताओं के अनुरुप संख्या में स्थानीय बाजारों में उपलब्ध विक्रेताओं से खरीदी की गई है। चूंकि विभिन्न स्थानों से विभिन्न गुणवत्ता एवं मेल की सामग्री खरीदी गई है जिससे क्रय की गई दरों में भी भिन्नता है। नमी मापक यंत्र, इलेक्ट्रानिक कॉटाबाट सभी उपार्जन केन्द्र में रखे जाने के निर्देश धान उपार्जन नीति में दिये गए है।
डा. महंत ने फिर जाना चाहा कि क्या क्रय के संव्यवहारों में कोई अनियमितताएं परिलक्षित हुई हैं? यदि हां, तो क्या और क्या कार्यवाही की गई? मंत्री कश्यप ने बताया कि जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कार्यक्षेत्र दुर्ग अंतर्गत दैनिक समाचार पत्र में " तराजू खरीदने जारी किए गए 2.93 करोड़ रूपये 2 एजेंसियों के कोटेशन फर्जी, शिकायत" समाचार प्रकाशन, संज्ञान में आई थी, जिसकी जांच हेतु जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक दुर्ग द्वारा कमेटी का गठन किया गया है। इसके अतिरिक्त कतिपय समितियों में भी प्रश्नांश (क) में उल्लेखित सामग्रियों के क्रय में नियमों का पालन नहीं किया जाना संज्ञान में आया है, जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
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