पूर्व पीएम सिंह के अस्थि विसर्जन में नहीं गया कांग्रेस का कोई बड़ा नेता


नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि परिवार की निजता का सम्मान करते हुए पार्टी का कोई वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए परिवार के साथ नहीं गया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अस्थियां उनके परिवार के सदस्यों ने सिख रीति-रिवाजों के अनुसार मजनू का टीला गुरुद्वारे के निकट यमुना नदी में विसर्जित कर दीं। भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि इस मौके पर गांधी परिवार का कोई सदस्य और कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा जो शर्मनाक है।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक बयान में कहा, 'परिवार की निजता का सम्मान करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता सरदार डॉ मनमोहन सिंह जी की अस्थियों को चुनने और विसर्जित करने के लिए परिवार के साथ नहीं गए।'

उनके मुताबिक, दिवंगत नेता के अंतिम संस्कार के बाद सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा ने उनके निवास पर परिवार से मुलाकात की।

उन्होंने कहा, 'उनसे चर्चा करने के बाद यह महसूस किया गया कि चूंकि अंतिम संस्कार के समय परिवार को कोई निजता नहीं मिली और परिवार के कुछ सदस्य चिता स्थल पर नहीं पहुंच पाए, इसलिए उन्हें फूल चुनने और अस्थियों के विसर्जन के लिए कुछ निजता देना उचित होगा जो कि करीबी परिवार के सदस्यों के लिए भावनात्मक रूप से पीड़ादायक और कठिन वक़्त होता है।'

मनमोहन सिंह का गत 26 दिसंबर की रात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में निधन हो गया था। वह 92 वर्ष के थे।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने रविवार को कांग्रेस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

शर्मा ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने पहले ही उनकी विरासत का सम्मान करने के लिए एक उपयुक्त स्मारक की घोषणा की है, जो राष्ट्र की कृतज्ञता को दर्शाता है। फिर भी, कुछ लोगों की हरकतें, जो शोक के इस क्षण को राजनीतिक लाभ के अवसर में बदलना चाहते हैं, बेहद दर्दनाक हैं।'

उन्होंने कहा, 'जनता को अब भी याद है कि डॉ. सिंह के कार्यकाल के दौरान उन पर क्या-क्या अत्याचार किए गए, जिनमें राहुल गांधी के वे अनुचित भाव-भंगिमाएं भी शामिल हैं, जिनसे उनकी छवि को ठेस पहुंची। ऐसी हरकतें देश की स्मृति में अंकित हैं।'

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