विधानसभा सत्र में आज होगी अहम मुद्दों पर चर्चा, मंत्री देंगे जवाब


रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान आज, गुरुवार को प्रदेश की कानून व्यवस्था, स्वास्थ्य सेवाएं और महिला एवं बाल विकास से जुड़े सवालों पर चर्चा होगी। गृहमंत्री विजय शर्मा, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े सदन में अपने-अपने विभागों से संबंधित सवालों के जवाब देंगे।

वित्त मंत्री ओपी चौधरी भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट सदन में पेश करेंगे। इसके साथ ही मंत्री रामविचार नेताम छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग का वार्षिक प्रतिवेदन पटल पर रखेंगे।

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव और विधायकों के मुद्दे

विधायक पुन्नू लाल मोहले ने राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 से प्रभावित भूमि स्वामियों को मुआवजा नहीं दिए जाने पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाने की घोषणा की है। वहीं, विधायक लखेश्वर बघेल ने बस्तर संभाग में वन अधिकार पट्टा प्रदाय नहीं किए जाने पर सदन का ध्यान आकृष्ट करेंगे।

गृहमंत्री से कानून व्यवस्था पर सवाल

गृहमंत्री विजय शर्मा से नक्सल हिंसा, महिला अपराध, हत्या, चोरी, डकैती, और नक्सलियों के सरेंडर जैसे विषयों पर सवाल पूछे गए हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में घुसपैठियों पर कार्रवाई, प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्य, रोजगार गारंटी योजना, और साइबर अपराध पर नियंत्रण के संबंध में जानकारी मांगी गई है।

स्वास्थ्य विभाग पर उठेंगे सवाल

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता, स्वास्थ्य उपकरणों की खरीद, टीकाकरण के प्रभाव, और सरकारी व निजी अस्पतालों में फायर सेफ्टी की स्थिति पर जवाब मांगा गया है। साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के स्थानांतरण और विभागीय अनियमितताओं के मामलों पर भी चर्चा होगी।

महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारियां

महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े से महतारी वंदना योजना, आंगनवाड़ी भवन निर्माण, रेडी-टू-ईट पोषण सामग्री, और समाज कल्याण विभाग में रिक्त पदों की स्थिति पर सवाल पूछे गए हैं।

महत्वपूर्ण रिपोर्टें और प्रस्ताव

सत्र के दौरान विभिन्न विभागों की वार्षिक रिपोर्ट और कार्य योजनाएं प्रस्तुत की जाएंगी। विधायकों द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दे सदन की कार्यवाही को और अधिक महत्वपूर्ण बना देंगे।

आज के सत्र पर प्रदेशवासियों की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह नीतिगत दिशा और योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने का अवसर होगा।

 

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