बिलासपुर। पुलिस परेड मैदान में आयोजित जिला स्तरीय राज्योत्सव में मंगलवार की शाम स्थानीय और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकारों ने रंगारंग प्रस्तुतियों से उपस्थित लोगों व अतिथियों को मुग्ध कर दिया। विशेष रूप से बिहार के बेनीपट्टी, मधुबनी से आईं भजन गायिका मैथिली ठाकुर के भजनों की प्रतीक्षा सभी को थी। उन्होंने भी निराश नहीं किया और राम आएंगे तो झूलना झुलाऊंगी, तोड़ा है भाई तोड़ा है, सिया से नाता जोड़ा है, अब उठो सिया शृंगार करो जैसे एक से बढ़कर एक भक्ति के ओतप्रोत गीतों से श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। वे मैथिली के साथ भजनों की पंक्तियों को दोहराते रहे और तालियों की गड़गड़ाहट भी होती रही।
मैथिली के भजनों के साथ ही कथक नृत्यांगना ज्योतिश्री की प्रभावी प्रस्तुति ने भी कला प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया। लोक संगीत कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध लोक गायिका गरिमा दिवाकर व स्वर्णा दिवाकर की अंजोर छत्तीसगढ़ टीम ने भी श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया।
अबूझमाड़ मलखंभ ग्रुप की ओर से राज्योत्सव में शानदार प्रस्तुति दी गई। ग्रुप के सदस्यों ने पारंपरिक मलखंभ कला का प्रदर्शन करते हुए शारीरिक क्षमता, लचीलापन और अदम्य साहस का प्रभावशाली संगम प्रस्तुत किया। ग्रुप के युवाओं ने जब ऊंचे खंभे पर अपने अद्भुत करतब दिखाए, तो दर्शक रोमांचित होकर तालियों की गूंज से उनका हौसला बढ़ाने लगे। अबूझमाड़ ग्रुप ने परंपरागत मलखंभ के साथ नई तकनीक और कलात्मकता का अद्वितीय मेल प्रस्तुत किया।
राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने राज्योत्सव में भजन प्रस्तुति के अवसर पर कलेक्टोरेट परिसर स्थित मंथन सभागार में प्रेसवार्ता को संबोधित कर अपने संगीत सफर से जुड़ी कई बातें साझा की। उन्होंने बताया कि उनका संगीत सफर उनके पिता और गुरु रमेश ठाकुर के मार्गदर्शन में शुरू हुआ। उन्होंने शास्त्रीय और क्लासिकल संगीत की बारीकियां अपने पिता से ही सीखी है, जो उनके जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी हैं।
बिलासपुर की सांस्कृतिक पहचान और इंटरनेट मीडिया पर सक्रिय युवाओं से मिलकर वे बेहद प्रभावित हुईं। पहली बार भगवान राम के ननिहाल में आकर उन्होंने खुशी जताई। मैथिली ने राज्योत्सव में छत्तीसगढ़ी फरा, गुलगुला जैसे पारंपरिक व्यंजनों का भी आनंद लिया और स्थानीय व्यंजन के साथ संस्कृति को भी करीब से महसूस किया।
राज्योत्सव समारोह के मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री अरुण साव रहे, जिन्होंने दीप प्रज्जवलन कर आयोजन का विधिवत शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ बनाया है और हम ही इसे संवारेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी के अद्वितीय दृष्टिकोण और साहस से ही छत्तीसगढ़ का निर्माण संभव हुआ। विपक्षी दल की संभावित सरकार के बावजूद उन्होंने बड़े दिल से इस राज्य की स्थापना की। छत्तीसगढ़ की भूमि संत महात्माओं और मनीषियों की भूमि है, जो समाज सुधार की दिशा में लगातार प्रयासरत है। यहां के विशाल पहाड़, घने जंगल, बहती नदियां और बहुमूल्य खनिज भंडार राज्य के विकास की आधारशिला हैं। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का नारा देते हुए जब वे गांवों और शहरों में जाते हैं, तो लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। सभी का कहना है कि सरकार के कार्य प्रभावी और सकारात्मक हैं। हम सभी मिलकर छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
इस दौरान बेलतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को स्मरण करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्माण उनकी दूरदर्शी सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवा नेता अटलजी की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं। इस अवसर पर संभागायुक्त महादेव कावरे, कलेक्टर अवनीश शरण, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, पुलिस महानिरीक्षक डा. संजीव शुक्ला, पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
राज्योत्सव में 41 विभागों के स्टालों ने प्रदेश की विकास गाथा को प्रस्तुत किया। यहां लोगों ने न केवल योजनाओं की जानकारी ली, बल्कि अपने सवालों के जवाब भी पाए।
महिला एवं बाल विकास विभाग का स्टाल विशेष आकर्षण का केंद्र बना
यहां महतारी वंदन योजना, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ और सखी वन स्टाप सेंटर जैसी योजनाओं ने महिलाओं के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में उनके योगदान को उजागर किया।
स्वास्थ्य सेवाएं और परीक्षणस्वास्थ्य विभाग ने स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की और शुगर तथा बीपी जांच के साथ आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा प्रदान की।
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