संसद का शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन सुबह 11 बजे लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई. इस दौरान विपक्ष के हंगामे के कारण बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही मिनटों के भीतर स्थगित कर दी गई.
सदन की कार्यवाही आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और अदाणी समूह से जुड़े मामले को उठाने का प्रयास करने लगे. कुछ सदस्य कार्यस्थगन के नोटिस का भी उल्लेख करते सुने गए. सपा सदस्यों ने संभल की घटना को उठाने का प्रयास किया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल शुरू कराया. कांग्रेस और सपा के कई सदस्य आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी करने लगे.
प्रश्नकाल में भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अरुण गोविल ने इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से संबंधित पूरक प्रश्न पूछे जिनके जवाब विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिए. बिरला ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और प्रश्नकाल चलने देने की अपील की. उन्होंने गोविल का उल्लेख करते हुए कहा कि वह पहली बार प्रश्न पूछ रहे हैं, ऐसे में सदन की कार्यवाही चलने दी जाए. हालांकि, हंगामा नहीं थमा और विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही.
लोकसभा अध्यक्ष ने नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा, ‘‘प्रश्नकाल महत्वपूर्ण समय है, सबका समय है. आप प्रश्नकाल चलने दें, आपको हर मुद्दे पर चर्चा करने का अवसर दिया जाएगा...आप नियोजित तरीके से गतिरोध करना चाहते हैं, वो उचित नहीं है.’’ इसके बाद उन्होंने पूर्वाह्न करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सदन में संविधान पर 2 दिवसीय बहस की मांग की है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी उच्च सदन में यही मांग की है. इससे पहले अडानी समूह के खिलाफ आरोपों पर पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के बयान पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था, "हम आज नियम 267 के तहत सवाल उठा रहे हैं, उसके बाद आपको बता देंगे."
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