राजनांदगांव। राज्य शासन की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा गांव के अंतिम व्यक्ति को शासन की विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए जिले के छुरिया विकासखंड के अंतिम छोर एवं वनांचल ग्राम परेवाडीह में जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधायक खुज्जी भोलाराम साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष गीता साहू, कलेक्टर संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग शामिल हुए। जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर में विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का अतिथियों द्वारा अवलोकन किया गया। उपस्थित अतिथियों द्वारा शासन की योजनाओं से लाभान्वित हितग्राहियों को संबंधित विभागों के स्टॉल में पहुंचकर सामग्री का वितरण किया गया। शिविर में शासन की योजनाओं के अंतर्गत समाज कल्याण विभाग द्वारा ट्रायसायकल, कृषि विभाग के हितग्राहियों को मोनोब्लॉक एवं स्प्रेयर पंप, श्रम विभाग के हितग्राहियों को श्रमिक कार्ड, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत आवास निर्माण होने पर हितग्राहियों को पूर्णता प्रमाण पत्र एवं चाबी वितरण किया गया। इसी तरह मत्स्य विभाग में संचालित योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को मछली जाल एवं आईस बाक्स, परिवहन विभाग द्वारा शिविर में बनाए गए लर्निंग लाईसेंस, योजना एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र वितरण किया गया। शिविर में गर्भवती माताओं की गोद भराई के लिए सुपोषण किट प्रदान किया गया तथा नन्हे बच्चों का अन्न-प्राशन्न किया गया। गर्भवती माताओं को अच्छा खान-पान रखने की सलाह दी गई। ताकि उनके शिशु स्वस्थ एवं सुपोषित रहें। शिविर में 259 आवेदनों को निराकरण किया गया।
खुज्जी विधायक भोलाराम साहू ने कहा कि खुज्जी विधानसभा के अंतिम गांव के नागरिकों की समस्याएं, मांग एवं शिकायतों के निराकरण के लिए जिला स्तरीय जनसमस्या शिविर का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि जनसामान्य की समस्याओं का निराकरण एवं योजनाओं की जानकारी देने जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित है। उन्होंने नागरिकों को सभी स्टॉलों का अवलोकन कर शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होने कहा। जिला पंचायत अध्यक्ष गीता साहू ने कहा कि शासन की योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए विकासखंड के अंतिम ग्राम परेवाडीह पूरा जिला प्रशासन पहुंचा है। उन्होंने लोगों को इसका लाभ अधिक से अधिक लेने कहा। शिविर में विभागीय स्टॉलों के माध्यम से शासकीय योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान कार्ड हर व्यक्ति को बनाना चाहिए। इसके तहत 5 लाख रूपए तक नि:शुल्क ईलाज सभी अस्पतालों में करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत सभी गांवों में गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हो रहा है। राज्य शासन द्वारा महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रूपए खातों में सीधे मिल रहा है। जिससे महिलाएं अपनी आवश्यकताओं की वस्तुए खरीद पा रही है। उन्होंने लोगों को सभी विभागों की शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए कहा।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि जनसामान्य की सुविधा और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से जोडऩे के लिए समस्या समाधान शिविर का आयोजन किया जाता है। उन्होंने कहा कि समस्या समाधान शिविर में जिला स्तर के सभी अधिकारी अपनी-अपनी विभागीय योजनाओं की जानकारी देने पहुंचे हैं, इसका अधिक से अधिक लाभ लेने कहा। उन्होंने कहा कि योजनाओं में पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को शिविर के माध्यम से लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिला स्तरीय समस्या निवारण शिविर आयोजित करने से नागरिकों के समय और राशि की बचत होती है। सभी विभाग एक ही स्थल पर उपलब्ध हो जाते हैं, जिससे जनसामान्य को भटकना नहीं पड़ता है। शिविर के माध्यम से स्थानीय लोगों से प्रशासन रूबरू होता है। जिससे क्षेत्र की स्थिति के संबंध में जानकारी होती है। उन्होंने कहा कि शिविर के माध्यम से शासकीय योजनाओं में पात्रता रखने वाले हितग्राहियों को तत्काल लाभान्वित किया जाएगा। शिविर के माध्यम से राशन कार्ड, श्रम कार्ड, लर्निंग लायसेंस बनाना, आयुष्मान कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड जैसे शासकीय योजनाओं के कार्य पात्रतानुसार बनाया जाता है। इसके अलावा शिविर में क्षेत्र के लोगों को नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। जिला स्तरीय समस्या शिविर का बहुत फायदा होता है। बहुत सारे ऐसे लोग है कि जिला स्तर पर नहीं जा सकते हैं ऐसे लोगों के लिए शिविर बहुत अच्छा होता है और सभी शासकीय विभागों की जानकारी मिलती है। शिविर में विभागीय अधिकारियों द्वारा बहुत सारी अच्छी बातों को बताया जाता है। कृषि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा खेती-किसानी के लिए मिलने वाली सब्सिडी के संबंध में जानकारी दी जाती है।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि जिले में अभी पानी का संकट है। उन्होंने कहा कि पानी को संरक्षित करना बहुत जरूरी है। कलेक्टर ने कहा कि पहले पानी 100 से 150 फीट में बोर कराने से पानी आ जाता था, लेकिन भू-जल स्तर अब इतना कम हो गया है कि 400-600 फीट नीचे चला गया है। कलेक्टर ने बताया कि पिछले वर्ष रबी मौसम में अधिक मात्रा में धान की खेती के लिए 42 हजार पंप के माध्यम से सिंचाई करने से भू-जल स्तर 60 फीट नीचे चला गया है। उन्होंने इससे बचने के लिए सभी किसानों को रबी मौसम में कम पानी उपयोग वाली फसल लगाने के लिए आग्रह किया। उन्होंने बताया कि धान में अधिक पानी की जरूरत होती है और कम आय भी होती है। इसके लिए धान की जगह अन्य फसल लेने की सलाह दी। उन्होंने गांव-गांव में पानी बचाने के लिए संकल्प लेने कहा। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी एवं कम पानी उपयोग वाली फसलों में अधिक आय और खर्च कम होता है। ग्रामीणों को सामूहिक रूप से धान की फसल नहीं लेने के लिए निर्णय लेने कहा। उन्होंने कहा कि सभी को सोच बदलना होगा। उन्होंने बताया कि विदेशों से दलहन-तिलहन आयात किया जाता है। यह उत्पादन स्थानीय स्तर पर होगा तो दूसरे देशों से आयात करने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने किशोरी बालिकाओं को हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए अच्छे खान-पान रखने और आयरन, प्रोटिन, पोषण आहार सेवन करने कहा।
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