एम.एल.उराव ने किया मेघा पुल का निरीक्षण

 


धमतरी। जिले के कुरूद-मेघा-मगरलोड मार्ग के 10/10 किलोमीटर में महानदी पर निर्मित जलमग्नीय पुल का मुख्य अभियंता, सेतु परिक्षेत्र रायपुर एम.एल.उराव ने निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि जलमग्नीय पुल का निर्माण तत्कालीन सेतु संभाग रायपुर के द्वारा जून 1994 में किया गया था। पुल की लंबाई 977.136 मीटर है। कार्य विभाग मैन्युअल के नियमानुसार वर्षा ऋतु के पूर्व पुल का अर्धवार्षिक निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान पुल की स्थिति संतोषजनक पाई गई थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुल के निकट ही यू/एस एवं डी/एस दोनो ओर अत्यधिक रेत खनन किया गया है, जिससे वर्षा ऋतु में पानी के तेज बहाव के कारण डी/एस का कच्चा एप्रॉन (बोल्डर से समतल किया हुआ भाग) का कटाव हो गया।

उन्होंने यह भी बताया कि कच्चा एप्रॉन के कटाव हो जाने पर पक्का एप्रॉन (कांक्रीट से समतल किया हुआ भाग) लगभग 2.00 मीटर से 2.50 मीटर तक गहराई सामान्य ग्राउंड लेवल से ऊपर खुल जाने के कारण डी/एस कटऑफ वॉल लगभग 150 मीटर लंबाई में क्षतिग्रस्त होकर सेटल डाउन हो गया है। कच्चा एवं पक्का एप्रॉन दोने के क्षतिग्रस्त हो जाने एवं वर्षा ऋतु में पानी के अत्यधिक बहाव के कारण बॉक्स टाइप जलमग्नीय पुल के बॉटम स्लैब के नीचे से बोल्डर एवं सैंड का बहाव होने के कारण बॉटम स्लैब के नीचे का भाग खोखला हो गया। उक्त पुल फ्लॉटिंग फाउंडेशन आधारित पुल था, जिसमें कटऑफ वॉल से ही पूरा स्ट्रक्चर प्रोटेक्ट रहता है तथा कटऑफ वॉल की गहराई 3 मीटर रहती है, जिसमें 2.50 मीटर का कटऑफ वॉल रेत निकालने के कारण खुल गया। उक्त स्थिति में भी पुल के ऊपर यातायात प्रवाहित रहने के कारण पुल का कुछ हिस्सा सेटल डाउन हो गया है तथा जितना कटऑफ वॉल टूट गया है, उतना अतिरिक्त बॉक्स कोलैप्स होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उक्त पुल से आवासगमन नहीं किया जा सकता।

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