गैस क्ले़निंग प्लांट क्षेत्र में आपदा प्रबंधन के लिए संयुक्त माॅकड्रिल


भिलाई। सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-8 के जीसीपी के एरिया में नेशनल डिज़ास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ), स्टेट डिज़ास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ), सीआईएसएफ एवं बीएसपी द्वारा संयुक्त रूप से 27 सितम्बर, 2024 को आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करने हेतु एक माॅक ड्रिल का आयोजन किया गया था। दुर्घटना के दौरान बचाव कार्य से लेकर दुर्घटना पर काबू पाने जैसे कार्यों को माॅक ड्रिल के माध्यम से बखूबी अंजाम देते हुए, योजनाबद्ध अभ्यास को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया।

विदित हो कि प्रत्येक विभाग में आकस्मिक आपदा से निपटने हेतु कुछ प्रोटोकाॅल बनाये गए हैं। इस प्रोटोकाॅल के जांच हेतु समय-समय पर माॅक ड्रिल का आयोजन किया जाता है। साथ ही इस माॅक ड्रिल की गोपनीयता बनाये रखी जाती है।

संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस-8 के जीसीपी (गैस क्ले़निंग प्लांट) के एरिया के Axial सायक्लोन और वेट स्क्रबर में, मैकेनिकल ग्रुप के लोग रखरखाव में लगे हुये थे। 27 सितंबर 2024 को सुबह 11:00 बजे गैस पाइप लाइन के अंदर विस्‍फोट होने के कारण गैस का रिसाव होने लगा और वहां काम कर रहे 4 लोग, गैस का शिकार हो गये और जमींन पर गिर गये।

इस दौरान ब्लास्ट फर्नेस-8 के जीसीपी (गैस क्ले़निंग प्लांट) में गैस का रिसाव होते ही आपात स्थिति निर्मित हुई और सुबह 11:04 बजे घटनास्थल पर उपस्थित शिफ्ट प्रबंधक ने एनर्जी कंट्रोल सेंटर, वर्क इंसीडेंट कंट्रोलर के साथ मुख्य इंसीडेंट कंट्रोलर को घटना की जानकारी देने के बाद तत्काल सभी संबंधित एजेंसियों को सूचना दी और स्थिति को नियंत्रित करने में जुट गये। वर्क इंसीडेंट कंट्रोलर - उपमहाप्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस-8) श्री मनीष तिवारी ने सुबह 11:08 बजे आपातकाल की घोषणा करते हुए 'आपातकालीन सायरन' बजाया, साथ ही मुख्य नियंत्रक राजन आनंद महाप्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस-8) को सूचित किया। आपातकालीन स्थिति घोषित होने के तुरंत बाद, मुख्य नियंत्रक के रूप में महाप्रबंधक (ब्लास्ट फर्नेस-8) राजन आनंद ने तुरंत स्थिति को नियंत्रित करते हुए अपनी टीम को भी विभिन्न एजेंसियों को आपातकाल स्थिति के बारे में सूचित करने और स्थिति को नियंत्रित करने में लगा दिया।

कॉमन कंट्रोल रूम द्वारा आपात स्थिति तथा लोगों के घायल होने की जानकारी तथा खतरे की घंटी बजते ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ शामिल बीएसपी की विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हो गई। इस दौरान बीएसपी के फायर ब्रिगेड, एमएमपी-1, सीआईएसएफ, प्लांट कंट्रोल, गैस सेफ्टी, पर्यावरण प्रबंधन विभाग, सेफ्टी कंट्रोल, सिविल डिफेन्स, हेल्थ सर्विसेस विभाग, सुरक्षा इंजीनियरिंग विभाग तथा ब्लास्ट फर्नेस  के कार्मिकों व अधिकारियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई। सीआईएसएफ द्वारा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को इस घटना की सूचना दी गई।

ब्लास्ट फर्नेस-8 के जीसीपी (गैस क्ले़निंग प्लांट) के एरिया में गैस का रिसाव होने पर एनडीआरएफ टीम, एसडीआरएफ टीम, गैस सेफ्टी व फायर ब्रिगेड की टीम ने मिलकर अंदर फंसे घायलों को बाहर निकाला और समुचित प्रथमोपचार प्रदान कर उन्हें एम्बुलेंस के माध्यम से मुख्य मेडिकल पोस्ट पर भेज दिया गया। गैस एरिया से 4 घायल व्यक्तियों को घटनास्थल से बाहर निकाला। पूरे परिसर में अन्य घायल व्यक्ति की तलाश की गई, जबकि ऊर्जा प्रबंधन विभाग के गैस सुरक्षा कर्मियों ने गैस रिसाव की पहचान की और उसे बंद कर दिया गया। गैस के अन्य क्षेत्रों मे गैस मॉनिटर से रिसाव की जांच की गई। साथ ही घटनास्थल पर कार्य कर रहे अन्य लोगों की असेंबली पॉइंट (सुरक्षित जगह) पर गिनती के बाद, मुख्य घटना नियंत्रक ने 'ऑल क्लियर सायरन' बजाया और सुबह 11.33 बजे आपातकाल के समाप्ति की घोषणा कर दी गई। मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न एजेंसियों के कई लोगों को तैनात किया गया था, जिनमें सीआईएसएफ, फायर ब्रिगेड एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के लोग सम्मिलित थे।

इस दौरान विभिन्न कार्यवाही को प्रोटोकाल के अनुरूप अंजाम दिया गया। इसके अतिरिक्त सूचना के आदान-प्रदान व समन्वय के विभिन्न पहलुओं को भी जांचा-परखा गया। इस आपदा अभ्यास में उन सभी गतिविधियों की क्लोज माॅनीटरिंग की गई और इस दौरान आने वाली विभिन्न खामियों को भी नोट किया गया। इस सम्पूर्ण अभ्यास का उद्देश्य, आपदा के समय होने वाले आपाधापी व अफरा-तफरी से कैसे बचा जाये, आपदा प्रबंधन को किस प्रकार योजनाबद्ध ढंग से सम्पन्न किया जाये तथा इस दौरान आने वाली खामियों को दूर कर, आपदा प्रबंधन को और भी बेहतर बनाने के समुचित प्रयास को कार्यान्वित कैसे किया जाये आदि था।

संपूर्ण अभ्यास के दौरान डिजा़स्टर मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं जैसे विभिन्न एजेंसियों का रिस्पांस टाइम, संबंधित विभागों का आपसी समन्वय, लोगों तथा वाहनों की आवाजाही का गहन अध्ययन किया गया। इस अभ्यास से यह सीखने को मिला कि ऐसी आपात स्थिति में हम कैसे धैर्यपूर्वक और योजनाबद्ध ढंग से परिस्थिति को नियंत्रण में कर सकते है।

संयंत्र के निदेशक प्रभारी अनिर्बान दासगुप्ता ने कहा कि आपदा प्रबंधन अभ्यास एनडीआरएफ ,एसडीआरएफ, सीआईएसएफ, फायर ब्रिगेड, ईएमडी, एम एंड एचएस व अन्य एजेंसियों द्वारा यह माॅक ड्रिल अच्छी तरह से समन्वित किया गया। उन्होंने कहा कि हमें ऐसी स्थितियों से घबराना नहीं चाहिए और खतरों से निपटने के लिए अन्य क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा मॉक ड्रिल आयोजित करनी चाहिए।

डीआईजी (सीआईएसएफ) प्रतिभा अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मॉक ड्रिल के दौरान विभिन्न एजेंसियों द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं और समय प्रबंधन बहुत ही अच्छा था। उन्होंने कहा कि हमें और बेहतर करने के लिए नियमित रूप से मॉक ड्रिल का अभ्यास करना चाहिए।

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