नई दिल्ली। लेबनान में पेजर अटैक और वॉकी-टॉकी में विस्फोट कराकर हलचल मचाने वाले इजरायल ने पूरी दुनिया को एक बार फिर से चौंका दिया है। अब तक इजरायल ने ऐंटी-मिसाइल अटैक वाली आयरन डोम तकनीक या फिर बम बरसाने में ही महारत हासिल की थी, लेकिन इस बार उसने टेक्नोलॉजी वारफेयर के जरिए दुश्मन पर कहर बरपाया है। कुछ ही सेकेंड्स के अंदर पूरे लेबनान में करीब 5000 पेजर फट गए, जिनमें 9 लोगों की मौत हो गई और लगभग 2000 लोग जख्मी हो गए। यही नहीं बाद में वॉकी-टॉकी फटने से भी 14 लोगों की मौत हुई है। ये दोनों हमले लगातार दो दिनों के अंदर हुए हैं।
इन हमलों के बीच इजरायल की सीक्रेटिव यूनिट 8200 की चर्चा जोरों पर है। यह इजरायली सेना की इंटेलिजेंस यूनिट है, जिसे लेकर पश्चिमी देशों का कहना है कि उसने ही लेबनान में ये अटैक कराए हैं। अब तक इजरायल ने इन हमलों को लेकर चुप्पी ही बनाए रखी है, लेकिन पश्चिमी देशों और लेबनान को संदेह है कि इसे इजरायल की सीक्रेटिव यूनिट ने ही अंजाम दिया है। जानकारों का कहना है कि 5000 पेजरों पर एक साथ अटैक हुआ था और उनके अंदर करीब 3 ग्राम विस्फोटक रखा गया था।
एक पश्चिमी सुरक्षा सूत्र का कहना है कि यूनिट 8200 का ताल्लुक इजरायल की सेना से है। इसकी कमान मोसाद पर नहीं है। इसी ने हिजबुल्लाह पर इस तरह का भीषण तकनीकी हमला किया है। सूत्र ने कहा कि यूनिट 8200 ही लंबे समय से इसकी स्टडी कर रही थी कि कैसे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में विस्फोटक रखा जा सकता है। इजरायल की सेना ने अब तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है। इसके अलावा पीएम ऑफिस की ओर से भी कुछ नहीं कहा गया है, जिसे मोसाद रिपोर्ट करती है।
इजरायली डिफेंस ऐंड सिक्योरिटी फोरम के रिसर्च डायरेक्टर योसी कुपरवासर ने कहा कि यह साफ नहीं है कि हमले में मिलिट्री इंटेलिजेंस यूनिट शामिल थी। लेकिन उन्होंने कहा कि टीम 8200 के मेंबर इजरायली सेना के सबसे शार्प कमांडर होते हैं। इस यूनिट में युवा और खास सैनिकों को ही शामलि किया जाता है। इनकी जिम्मेदारी इंटेलिजेंस जुटाने की भी होती है। 2018 में इजरायल की इसी यूनिट ने इस्लामिक स्टेट के एक एयर अटैक को नेस्तनाबूद कर दिया था।
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