कल्पसूत्र का वांचन सुनने से 7वें-8वें भव के अंदर होता है मोक्ष : मुनिश्री प्रियदर्शी विजयजी

रायपुर। श्री संभवनाथ जैन मंदिर विवेकानंद नगर में आत्मोल्लास चातुर्मास जारी है। साथ ही पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व की आराधना भक्ति भाव पूर्वक गुरु भगवंतों के सानिध्य में जारी है। पर्युषण महापर्व के चौथे दिन मंगलवार को लाभार्थी परिवार द्वारा परम पूज्य मुनिश्री जयपाल विजयजी म.सा., मुनिश्री प्रियदर्शी विजयजी म.सा., मुनिश्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा. को कल्पसूत्र (पोथा जी) बोहराया गया एवं पांचो ज्ञान की पूजा की गई।

मुनिश्री प्रियदर्शी विजयजी म.सा. ने बताया कि कल्पसूत्र ग्रंथ का वांचन पर्युषण महापर्व में किया जाता है। पहले इसका वांचन साधु-साध्वी के समक्ष होता था।  उसके बाद संघ के समक्ष होने लगा। वर्ष में 4 दिन पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व पर कल्पसूत्र वांचन किया जाता है। 21 बार इसका श्रवण करने से निश्चित रूप से सातवें-आठवें भव के अंदर मोक्ष होता है।

पर्युषण महापर्व के चौथे दिन से कल्पसूत्र का वांचन शुरू हो गया है। चार दिनों तक कल्पसूत्र का वांचन होगा। बुधवार को भगवान महावीर का जन्म वांचन होगा। आज लाभार्थी परिवार द्वारा कल्पसूत्र बोहराने के बाद कल्पसूत्र का वांचन मुनिश्री के द्वारा किया गया।

साध्वी श्री चिंतननिधि जी म.सा. के सिद्धि तप की अनुमोदना के लिए हुआ सांझी कार्यक्रम

आत्मोल्लास चातुर्मास 2024 विवेकानंद नगर में सिद्धि तप की तपस्या अंतिम चरण में है। कुल 116 सिद्धि तप की श्रृंखला में एक रायपुर की सुपुत्री साध्वी श्री चिंतननिधि जी म.सा. की भी सिद्धि तप की तपस्या जारी है। मंगलवार को अमरचंपा परिवार द्वारा साध्वी जी की सिद्धि तप की तपस्या के निमित्त सांझी (गीत-संगीत) का कार्यक्रम रखा गया। सिद्धि शिखर मंडपम में हुए कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल होकर महिलाओं द्वारा सिद्धि तप की तपस्या के निमित्त गीत गाकर साध्वी जी की तपस्या की अनुमोदना की गई।

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