अंबेडकर अस्पताल में स्वाइन फ्लू के 16 संदिग्ध मिले, प्रदेश में अब तक 19 पॉजिटिव मिल चुके

रायपुर। प्रदेश के अन्य जिलों की तरह अब राजधानी में भी स्वाइन फ्लू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। मंगलवार को स्वाइन फ्लू के 16 संदिग्ध मरीज मिले हैं। उनके स्वाब का सैंपल जांच के लिए भेजा गया है। अब तक रायपुर में 1 पॉजिटिव मरीज मिला है। राज्य में 19 केस दर्ज किए गए हैं।


इस बीच मरीजों की बढ़ती संख्या देखकर अंबेडकर अस्पताल के पेइंग वार्ड को आइसोलेशन कर उसे स्वाइन फ्लू पीड़ितों के लिए रिजर्व कर दिया गया है। एक मरीज अभी भर्ती है। अस्पताल प्रशासन ने मेडिसिन और टीबी एंड चेस्ट विभाग को अलर्ट कर दिया है। फिलहाल सभी संदिग्ध मरीज टीबी एंड चेस्ट विभाग ही ट्रांसफर किए जा रहे हैं। भास्कर की पड़ताल के दौरान पता चला है कि राजधानी के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में भी स्वाइन फ्लू के इक्का-दुक्का मरीज भर्ती हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिकृत तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है।


स्वास्थ्य विभाग के महामारी नियंत्रण विंग के अफसरों के अनुसार अभी तक रायपुर में केवल एक ही मरीज के स्वाब में स्वाइन फ्लू के वायरस मिले हैं। प्रदेश में 19 मरीजों की पुष्टि हुई है। स्वाइन फ्लू का पहला केस जुलाई में मिला था।


ऐसे फैलता है ये फ्लू

पीड़ित व्यक्ति की छींक या उसके करीब जाने से सांस के जरिये ये दूसरे को संक्रमित करता है। पीड़ित व्यक्ति को मास्क लगाकर रखना चाहिए। इसके अलावा हाथ सेनेटाइज करते रहना भी जरूरी है। संक्रमित व्यक्ति का हाथ अक्सर नाक और मुंह पर जाता है। इससे हाथों में वायरस आ जाते हैं। ऐसी दशा में हाथों से चीजें छूने पर उसमें वायरस ट्रांसफर होने का खतरा रहता है।


बचाव के उपाय

स्वाइन फ्लू से बचने के लिए भी कोरोना की तरह सावधानी जरूरी है। संक्रमित के करीब जाने के पहले मास्क अनिवार्य रूप से लगाएं। अभी चूंकि सर्दी-जुकाम पूरी तरह से फैला हुआ है। उसे साधारण न मानें और सर्दी-जुकाम पीड़ितों के करीब न जाएं। इसके अलावा अभी भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। भीड़ में जाएं तो मास्क लगाकर जाएं।


बीमारी के लक्षण

स्वाइन फ्लू के शुरुआती लक्षण सामान्य सर्दी से शुरू होते हैं। एक-दो दिन सर्दी रहने के बाद खांसी फिर सिर और हाथ-पांव में दर्द शुरू होता है। बुखार के साथ स्थिति तेजी से बदलती है। खांसी इतनी ज्यादा होती है कि सांस लेने में तकलीफ होने लगती है। इस स्थिति में तुरंत अलर्ट होना जरूरी है। खतरा इसी स्थिति के बाद शुरू होता है।

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