महासमुंद। उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम‘‘ के सफल क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर एवं अध्यक्ष जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण प्रभात मलिक के निर्देशन में सीईओ जिला पंचायत एवं उपाध्यक्ष जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण एस. आलोक की अध्यक्षता में डाइट के सभाकक्ष में स्वयं सेवकों का सम्मेलन आयोजित हुआ।
सीईओ आलोक ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 2030 तक सभी युवा, प्रौढ, पुरुष एवं महिलाओं को शत-प्रतिशत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान प्रदान कराना है। उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम केन्द्र प्रवर्तित योजना है जो “सभी के लिए शिक्षा“ के लिए प्रारंभ की गई है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को सत्र 2023-24 एवं 2024-25 में 35000 असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य है। सम्मेलन में उन्होंने सभी को साक्षर करने हेतु शपथ दिलाई गई। सम्मेलन में जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत, डाइट के प्राचार्य मीना पाणिग्रही, सहायक संचालक शिक्षा सतीश नायर, जिला समन्वयक जिला साक्षरता मिशन रेखराज शर्मा, डाइट के प्राध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
जिला शिक्षा अधिकारी मोहन राव सावंत ने सीईओ को विकासखण्ड स्तरीय नोडल अधिकारियां से एंट्री कार्य से आ रही परेशानियों के संबंध में अवगत कराया उसका समाधान बताया। सीईओ ने सभी अधिकारियों और शिक्षकों को आम जनता को ’उल्लास नवभारत साक्षरता’’ कार्यक्रम के संबंध में जानकारी प्रदान कर तथा अभियान चलाकर एंट्री कार्य को पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ ने ’’उल्लास केंद्र’’ तथा शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का चिन्हांकन, उल्लास कार्यक्रम हेतु वातावरण निर्माण, प्रवेशिका निर्माण, पठन-पाठन सामग्रियों की व्यवस्था, ’’उल्लास नवभारत साक्षरता’’ कार्यक्रम में स्वयं सेवी संस्थाओं एवं अन्य संस्थाओं की व्यवस्थाओं, कुशल प्रशिक्षकों एवं स्वयंसेवी प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण तथा उल्लास केन्द्रों का संचालन आदि की जानकारी ली गई।
सीईओ आलोक ने कहा कि 2022-23 से 2024-25 तक जिले के असाक्षरों को स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से साक्षर बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी असाक्षरों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का शीघ्र ही चिन्हांकन करके उसे उल्लास पोर्टल में दर्ज करना उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर तक एवं नगरीय निकायों में वार्ड प्रभारी की भी चयन कर करें, जिनके माध्यम से यह अभियान सुचारू रूप से समय सीमा में चलाया जाना है।
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