कलेक्टर की अध्यक्षता में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम संपन्न

 

बेमेतरा । कलेक्टर एवं अध्यक्ष, जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण रणबीर शर्मा ने आज जिला पंचायत के सभागार में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का समय सीमा में क्रियान्वयन करने के संबंध में बैठक ली। कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 2030 तक सभी युवा, प्रौढ, पुरुष एवं महिलाओं को शत-प्रतिशत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान प्रदान कराना है। उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम केन्द्र प्रवर्तित योजना है जो सभी के लिए शिक्षा के लिए प्रारंभ की गई है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को शतप्रतिशत साक्षर किए जाने का लक्ष्य है। बैठक में अपर कलेक्टर अनिल वाजपेयी, जॉइंट कलेक्टर अंकिता गर्ग, डिप्टी कलेक्टर दिव्या पोटाई, जिला शिक्षा अधिकारी कमल बंजारे  ’’उल्लास नवभारत साक्षरता’’ कार्यक्रम के जिला स्तरीय नोडल एवं विकासखण्ड नोडल अधिकारियों के अलावा विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, संकुल समन्वयक एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थें। उल्लास साक्षरता केन्द्र वास्तव में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे शैक्षिक अंतराल को ठीक करने और समुदायों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। ये केंद्र पुल की तरह है, खासकर उन लोगों के लिए जो पढ़ने या लिखने में असमर्थ हैं और उल्लास का हिस्सा हैं। वे सीखने और बढ़ने के लिए एक स्वागत योग्य स्थान प्रदान करते हैं, लोगों को बेहतर नौकरियों और अवसरों के लिए महत्वपूर्ण कौशल और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं।

लेकिन वे केवल सीखने के बारे में नहीं हैं, वे कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन करके समुदायों को एक साथ लाते हैं, और वे जागरूक और सामाजिक रूप से जिम्मेदार रहने के बारे में सिखाते हैं। कुल मिलाकर, समाज को सभी के लिए बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। बता दें की साक्षरता केवल पढ़ना लिखना और अंक ज्ञान में आत्मनिर्भर होना ही नहीं है बल्कि इससे भी बढ़कर कार्यात्मकता, सशक्तिकरण तथा आगे सीखते रहना है। साक्षरता एक व्यक्ति के लिए बेहतर आजीविका व अवसरों तक पहुँचने के लिए जरूरी है। समुदाय के लिए समाज की एकता व सबके स्वास्थ्य व शिक्षा हेतु जरूरी है। साक्षरता देश के लिए जनतंत्र की मजबूती व आर्थिक तरक्की एवं विकास हेतु जरूरी है।

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि 2022-23 से 2024-25 तक जिले के 20000 असाक्षरों को 2000 स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से साक्षर बनाने का लक्ष्य है। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी असाक्षरों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का शीघ्र ही चिन्हांकन करके उसे उल्लास पोर्टल में दर्ज करना है । इसके लिए कलेक्टर ने जिला एवं विकासखंड के सभी अधिकारियों को समय सीमा में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर तक एवं नगरीय निकायों में वार्ड प्रभारी की भी चयन कर करें, जिनके माध्यम से यह अभियान सुचारू रूप से समय सीमा में चलाया जाना है। बैठक में कलेक्टर ने विकासखण्ड नोडल अधिकारियों से ’’उल्लास नवभारत साक्षरता’’ कार्यक्रम के सर्वे ’’उल्लास एप्प’’ में एंट्री कार्य के संबंध में बारी-बारी से जानकारी ली।


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