पाकिस्तान की एसीओ में जबरदस्त बेइज्जती! विदेश मंत्री जयशंकर ने आतंक पर उतार दिया पड़ोसी मुल्क का नकाब

 

नई दिल्ली। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में हिस्सा लेने के लिए कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना पहुंचे हुए है. इस अंतरराष्ट्रीय मंच से उन्होंने एक बार फिर से पाकिस्तान को फटकार लगाई है. पाकिस्तान का नाम लिए बगैर जयशंकर ने कहा कि सीमा पार आतंकवाद और उसकी चुनौतियों को लेकर हमारा खुद का अपना अनुभव रहा है. जो देश आतंकवादियों को पनाह देते हैं, उनकी निंदा की जानी चाहिए. 

माना जा रहा है कि जयशंकर जब पाकिस्तान की धुलाई कर रहे थे तो उस वक्त पड़ोसी मुल्क के राष्ट्रपति शहबाज शरीफ भी वहीं मौजूद थे. पाकिस्तान एससीओ के 10 देशों में शामिल हैं. वह 2017 में इस संगठन से जुड़ा था. जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंक पर फटकार इसलिए लगाई, क्योंकि सीमा पार दहशत फैलाने का उसका पुराना रिकॉर्ड रहा है. हाल ही में कश्मीर में एनकाउंटर में मारे गए कई आतंकवादियों के कनेक्शन सीधे तौर पर पाकिस्तान से निकले हैं. 

आतंकवाद को नहीं किया जा सकता माफ: एस जयशंकर

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, विदेश मंत्री ने कहा, "चुनौतियों की बात करें तो आतंकवाद पर चर्चा निश्चित रूप से हममें से कई लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थान पर होगी. सच तो यह है कि कई मुल्कों के जरिए इसका इस्तेमाल अस्थिरता के एक उपकरण के रूप में किया जा रहा है. हमारे सीमा पार आतंकवाद के संबंध में अपने अनुभव हैं. आइए इस बात को स्पष्ट किया जाए कि आतंकवाद को किसी भी रूप में माफ नहीं किया जा सकता है."

आतंक को पनाह देने वालों की हो निंदा: विदेश मंत्री

जयशंकर ने पाकिस्तान का नाम लिए बगैर कहा आगे कहा, "आतंकवादियों को पनाह देने की कड़ी निंदा की जानी चाहिए. सीमा पार आतंकवाद के लिए निर्णायक प्रतिक्रिया की जरूरत है और आतंकी फंडिंग एवं भर्ती से प्रभावी ढंग से निपटने की जरूरत है. एससीओ को अपनी प्रतिबद्धता से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए. इस संबंध में हम दोहरे मानदंड नहीं अपना सकते हैं."

चीन पर भी साधा था विदेश मंत्री ने निशाना

वहीं, गुरुवार (4 जुलाई) को एससीओ के राष्ट्र प्रमुखों की परिषद की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों को रखते हुए जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ-साथ चीन को भी निशाने पर लिया था. उन्होंने कहा था, "‘उन देशों को अलग-थलग करना चाहिए और बेनकाब कर देना चाहिए जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, सुरक्षित पनाहगाह प्रदान करते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं." चीन ने कई मौकों पर पाकिस्तान के वांटेड आतंकियों को ब्लैक लिस्ट करने के प्रस्तावों को यूएन में ब्लॉक किया है. 


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