मनरेगा से श्रमिकों को मिल रहा रोजगार

 

गरियाबंद। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत जिले में श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहा है। इससे उनके जीवन स्तर में बदलाव भी आ रहा है। कलेक्टर  दीपक कुमार अग्रवाल के निर्देश पर जिला पंचायत के सीईओ रीता यादव ने जिले में आवश्यकतानुसार श्रमिक मूलक कार्यो की स्वीकृति प्रदाय की है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 20 जून तक ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे कार्यो से श्रमिकों द्वारा 29 लाख 29 हजार 715 मानव दिवस सृजन किया गया। जिसमें जनपद पंचायत छुरा अंतर्गत 05 लाख 93 हजार 795, देवभोग में 07 लाख 21 हजार 231, फिंगेश्वर में 05 लाख 42 हजार 177, गरियाबंद में 03 लाख 59 हजार 745 एवं मैनपुर में 07 लाख 12 हजार 767 मानव दिवस का सृजन किया गया। जिससे मनरेगा के माध्यम से श्रमिकों की निर्भरता बढती जा रही है। तथा मनरेगा में श्रमिक बढ़-चढ़कर काम कर रहे हैं। जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं मनरेगा के कार्यक्रम अधिकारी द्वारा इसका सतत् रूप से मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस योजना से जुडे श्रमिक प्रतिदिन तालाब गहरीकरण, नया तालाब निर्माण, डबरी निर्माण, मिट्टी सडक, नहर सफाई के कार्यों सहित अन्य मजदूरी मूलक कार्यों में मेहनत करते हुए रोजगार प्राप्त करते हुए परिसंपत्तियो का निर्माण कर रहे हैं।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रीता यादव ने बताया कि जिले में ग्रामीण श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही जल संरक्षण की दिशा में 75 अमृत सरोवर का निर्माण किया गया है। इस संबंध में वर्षा ऋतु के दौरान महात्मा गांधी नरेगा अन्तर्गत निर्धारित कार्यो की जारी सूची में से किये जाने योग्य कार्यो की प्राक्कलन तैयार करने के लिए तकनीकी सहायकों को निर्देशित किया गया है। ताकि वर्षा ऋतु के दौरान जरूरतमंद परिवारों को नरेगा अंतर्गत मांग के आधार पर पर्याप्त मात्रा में रोजगार उपलब्ध कराया जा सके एवं वर्षा ऋतु में भी संचालित हो सकें। उन्हांने विगत वर्षो के ऐसे अपूर्ण कार्य जिन्हें वर्षा ऋतु में कराया जाना संभव है, तो उन्हें प्राथमिकता से पूर्ण कराने के निर्देश जनपद पंचायतों के सीईओ को दिए। इस दौरान यह भी सुनिश्चित करने कहा गया कि जो कार्य वर्षा ऋतु के दौरान श्रमिकों के मांग के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, खाद्यान्न भंडारण भवन का निर्माण, बकरी शेड निर्माण, मुर्गी शेड निर्माण, पशु शेड निर्माण, सुअर शेड निर्माण, नाडेप कंपोस्ट सरंचना का निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट संरचना का निर्माण मुक्तिधाम निर्माण, नर्सरी तैयार करना, वृक्षारोपण ब्लॉक, सड़क किनारे मनरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराकर स्थायी परिसंपत्ति का सृजन कर सकें।


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