पूर्व मंत्री मो. अकबर को कानून का ज्ञान नहीं : अधिवक्ता पोखराज परिहार

कवर्धा। पूर्व मंत्री मो. अकबर पर अधिवक्ता पोखराज सिंह परिहार ने निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम 1956 के बारे में ज्ञान नहीं है। अधिवक्ता पोखराज परिहार ने मो. अकबर को सलाह दी है कि वे हलाल कानून के बारे में पढ़ें।

उन्होंने कहा कि हाल ही में कुकदुर के पास ग्राम सेमरहा में एक सड़क दुर्घटना में 19 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। पूर्व मंत्री मो. अकबर ने पंडरिया विधायक भावना बोहरा पर टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने गोदनामा नियम का हवाला दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ अधिवक्ता पोखराज सिंह परिहार ने कहा कि दुर्घटना के कारण अनाथ हुए 24 बच्चों को समाजसेवी संस्था भावना सेवा संस्थान द्वारा उनके भविष्य के भरण पोषण और शिक्षा के लिए गोद लिया गया है।

अधिवक्ता पोखराज परिहार ने कहा कि पूर्व मंत्री मो. अकबर द्वारा इस मामले में राजनीतिक बयानबाजी की जा रही है, जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि मो. अकबर ने विज्ञप्ति जारी कर हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम 1956 की विभिन्न धाराओं का उल्लेख किया है और व्यंग्यात्मक रूप से कहा है कि 24 अप्राप्तव्यों का पंडरिया विधायक की सम्पूर्ण संपत्ति पर बराबर-बराबर हक अधिकार होगा।

अधिवक्ता पोखराज परिहार ने कहा कि मो. अकबर को हिन्दू विधि और हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम पढ़ने के बजाय हलाल कानून के बारे में पढ़ना चाहिए। उन्होंने साधराम यादव की हत्या का मामला उठाते हुए कहा कि मो. अकबर ने साधराम की हत्या पर कोई संवेदना नहीं प्रकट की और न ही कोई विज्ञप्ति जारी की।

अधिवक्ता पोखराज परिहार ने स्पष्ट किया कि हिन्दू दत्तक ग्रहण एवं भरण पोषण अधिनियम किन लोगों पर लागू होते हैं:

- (क) ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो हिन्दू धर्म के किसी भी रूप या विकास के अनुसार धर्मतः हिंदू हो।

- (ख) ऐसे किसी भी व्यक्ति को जो धर्मतः बौद्ध, जैन या सिख हो।

- (ग) ऐसे किसी भी अन्य व्यक्ति को जो धर्मतः मुस्लिम, क्रिश्चियन, पारसी या यहूदी न हो।

उन्होंने बताया कि गोंड, बैगा जातियों पर हिंदू विधि लागू नहीं होती, बल्कि उनकी रूढ़ि और प्रथा लागू होती है। दुर्घटना के फलस्वरूप अनाथ हुए सभी 24 अप्राप्तय आदिवासी गोंड, बैगा परिवार से हैं जिन पर हिन्दू दत्तक ग्रहण अधिनियम एवं भरण पोषण अधिनियम लागू नहीं होता बल्कि उनकी रूढ़ि और प्रथा प्रचलित है। भावना समाजसेवी संस्थान द्वारा इन 24 अनाथ बच्चों को आश्रय दिया गया है, जिसकी सराहना की जानी चाहिए, न कि आलोचना।

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