32 वर्ष बाद मिले विद्यार्थियों ने साझा किए अपने विचार

कुम्हारी। विद्या ज्योति इंग्लिश मीडियम स्कूल कुम्हारी में शनिवार को 32 वर्षों बाद 1992 बैच के विद्यार्थियों का पुनर्मिलन हुआ। इस मौके पर स्कूल के तात्कालिक प्राचार्य फादर जॉनी के सी भी उपस्थित हुए साथ ही विद्यालय के वर्तमान प्राचार्य फादर लीजो मैथ्यू भी मौजूद थे। इस अवसर पर देश-विदेश से विद्यार्थी एकत्रित हुए।

सर्वप्रथम विद्यार्थियों ने प्राचार्य को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया इसके पश्चात सभी ने अपने विद्यार्थी जीवन की खट्टी मीठी यादों के एक दूसरे के साथ साझा किया साथ ही वर्तमान में वे क्या कर रहे हैं इसके बारे में भी विस्तार से बताया। तात्कालिक प्राचार्य फादर जॉनी केसी ने अपने उद्बोधन में कहा कि यह पल मेरे लिए भावुक करने वाला है साथ ही खुशी भी है कि 32 वर्षों बाद भी देश-विदेश से विद्यार्थी यहां आए हैं, जीवन के इस लम्बे सफर में दुनियां कितनी बदल गई है। लोग अपनी-अपनी दुनियां में व्यस्त हो गए हैं, लेकिन फिर भी आज इन विद्यार्थियों को देखकर लगता है जैसे अभी भी ये मेरे विद्यार्थी ही हैं। आपस के इस प्रेम और अपनत्व को ये हमेशा ऐसे ही बनाये रखेंगे। आज इन विद्यार्थियों ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि वे तमाम लोग जो पढ़ाई के बाद अपनी अपनी दुनियां में खो जाते हैं कुछ पल निकालकर अपने सहपाठियों से मिलकर जीवन में एक-दूसरे का सहारा बन सकते हैं। स्कूल की ओर से वर्तमान प्राचार्य ने सभी उपस्थित विद्यार्थियों को प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया।

इसके पश्चात सभी ने कुम्हारी स्थित प्राचीन महामाया माता के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। दोपहर को सभी अपने सहपाठी विजय चौहान के फार्म हाउस पहुंचे और दोपहर का भोजन ग्रहण कर सब्जी और खेती की जानकारी ली। इसके पश्चात ग्राम अछोटी स्थित एग्रो फार्म पहुंचकर रात्रि भोजन किया साथ ही अपने जीवन की खट्टी मीठी यादों को आपस में साझा किया साथ ही एक दूसरे का हाथ थामकर यह प्रण लिया कि वे जहां भी रहेंगे अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाएंगे और समाज मे यह संदेश देंगे कि जीवन के प्रत्येक अवसरों में हमें एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। इसके पश्चात सभी प्रात: पुन: अपने विद्यालय पहुंचे और वर्तमान विद्यार्थियों के साथ अपने स्कूली जीवन से अबतक के 32 वर्षों के सफर की यादों को साझा किया और अपने स्कूली जीवन के मित्रों के साथ हमेशा संपर्क बनाए रखने का संदेश दिया।

इस आयोजन में शिकागो (अमेरिका) से आये रामकृष्णन अय्यर वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका में बैंकिंग प्रौद्योगिकी की परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं जिसका वे नेतृत्व करते हैं।

साथ ही अमेरिका के इलिनोइस राज्य में लेक काउंटी के हिन्दू मंदिर में न्यासी बोर्ड में से एक के रूप में भारतीय समुदाय का नेतृत्व और मदद भी करते हैं इसके अलावा पंकज जैन (बैंगलोर), श्रीदेवी एवं रमेश भल्ला (हैदराबाद), चंद्रशेखर (वर्धा), टेरेस ब्राउन (बिलासपुर), राकेश पाण्डेय, अवधेश शुक्ला, विजय चौहान, भीषम जांगड़े, प्रेम अग्रवाल, संदीप सरकार, सुजीत सरकार, पंकज बहेती, कुश मूर्ति, विजू वर्गीस, गीतिका वाघेला, राजू गुप्ता, जगन्नाथ राव, सुरेश जोशी एवं संतोष खड़ाऊ आदि स्थानीय विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।

दो दिन साथ बिताए पलों को याद करते हुए आपस में इसी तरह आने संबंधों में प्रगाढ़ता लाने और एक-दूसरे के सुख दुख में हमेशा साथ खड़े रहने के वादे के साथ सभी ने भावुक होकर एक दूसरे से विदा लिया।

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