बेमेतरा। शहर व गांवों में चैत्र नवरात्रि की नवमी पर जोत जंवारा का विसर्जन स्थानीय तालाब में किया गया। गांवों में नदी में जोत विसर्जन किया गया। बुधवार को विसर्जन के दैारान पुलिस जवान घाटों पर मौजूद रहे।
जस गीत सेवा के साथ माता की आराधना करते हुए विसर्जन किया गया। जिला मुयालय के माता भद्रकाली तालाब में जोत विर्सजन किया गया। घरों में प्रज्ज्वलित जोत जंवारा का भी विसर्जन किया गया।
जानकारी हो कि बुधवार को नगर व गांवों मे स्थापित जोत जंवारा का विधि-विधान से विजर्सन किया गया। मंदिरों से जोत जंवारा कलश जस गीत व परंपरागत वाद्ययंत्रों के साथ निकाले गए। मानपुर पिकरी वार्ड के मंदिरों व घरों के जोत जंवारा का पुराना तालाब में विसर्जन किया गया। नगर के मोहभ_ा वार्ड के तालाब में भी संबंधित क्षेत्र का जंवारा विसर्जन किया गया। इन वार्डों में परंपरागत सेवा व मांदर की थाप के साथ विसर्जन यात्रा निकाली गई, जिसमें महिलाओं और बच्चों ने बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।
महामाया की जोत पहले निकाली गई
नगर के माता महामाया मंदिर में सुबह लगभग 10 बजे आचार्य द्वारा पूजा अर्चना कर ज्योति कलश विसर्जन के लिए पहले निकाली गई, जिसके बाद शीतला मंदिर प्रांगण पहुंचने पर माता शीतला मदिंर की ज्योति कलश व जंवारा विसर्जन के लिए यात्रा में शामिल हुई। अन्य मंदिरों से ज्योति कलश निकाली गई, जो धीरे-धीरे माता भद्रकाली मंदिर से होते हुए करीब स्थित माता भ्रदकाली तालाब पहुंचीं, जहां पर परंपरा अनुसार विसर्जन किया।
चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर माता का विशेष श्रृंगार कर हवन-पूजन किया गया। प्राचीन परंपरा के अनुसार मां शीतला मंदिर में अष्टमी तिथि को नौ कन्याओं का पूजन किया गया। नवरात्रि में लगातार नौ दिनों तक भक्तों की आस्था माता रानी के लिए बनी रही। बुधवार की सुबह रामनवमी तिथि पर ग्राम के शीतला मंदिर व श्रद्धालुओं के घरों में स्थापित ज्योति कलश सहित जंवारा विसर्जन हुआ। लोगों की भारी भीड़ रही।
0 Comments