लट्ठमार होली खेली गई, पुरुषों पर टूट पड़ीं लड़कियां


जांजगीर। जांजगीर-चांपा में भी बरसाने की तरह लट्ठमार होली खेली जाती है। यहां कुंवारी लड़कियां लाठियां लेकर पुरुषों पर बरसाती हैं। हालांकि यहां कि परंपरा का बरसाने से कोई संबंध नहीं है। यहां के लोगों का मानना है कि इस तरह से होली खेलने से उन्हें कोई बीमारी नहीं होती है। दरअसल, जिले के पंतोरा गांव में यह परंपरा पिछले 300 सालों से चली आ रही है। होली के 5वें दिन रंग पंचमी पर स्थानीय लोग लट्ठमार होली खेलते हैं। गांव के मंदिर से भगवान पर छड़ी मारकर इसकी शुरुआत की जाती है। इस दिन गांव से कोई राहगीर निकलता है, तो वह भी इसमें शामिल हो जाता है। पंतोरा गांव जिला मुख्यालय से करीब 40 से 45 किलोमीटर दूर है। लट्ठमार को स्थानीय भाषा में डंगाही होली कहा जाता है। डंगाही होली के दिन गांव की कुंवारी कन्याएं मंदिर में अभिमंत्रित बांस की छड़ियां लोगों पर बरसाती हैं। त्योहार के महत्व और आस्था का लोग विशेष सम्मान भी करते हैं।

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