रायगढ़, 12 जुलाई 2023
छत्तीसगढ़ की पहली त्यौहार हरेली से जिले के विभिन्न स्थानों में वृहद वृक्षा रोपण की शुरुआत की जायेगी। वृक्षारोपण हेतु पर्याप्त पौधों के अलावा गड्ढे, फेसिंग की तैयारियां पूर्ण रखें एवं सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित की जाए। उक्त बातें आज कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कलेक्ट्रेट कक्ष में आयोजित वन, कृषि, उद्यानिकी, पशु चिकित्सा, बीज निगम की समीक्षा बैठक में कहीं।
बैठक में कलेक्टर सिन्हा ने विभागवार समीक्षा की। मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना की जानकारी ली। डीएफओ धरमजयगढ़ ने बताया कि विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 600 एकड़ में लगभग 3 लाख पौधे रोपे जायेंगे। इसी प्रकार रायगढ़ वनमण्डल द्वारा लगभग 548 एकड़ से अधिक, जिसमें कृषि, उद्यानिकी विभाग द्वारा भी बड़ी संख्या में पौधा रोपण किए जा रहे हैं। जिससे जिले में लगभग 1 हजार एकड़ का भूमि चिन्हांकन किया जा चुका हैं। जहां लगभग 5 लाख पौधे लगाएं जायेंगे। जिसके लिए विभागीय टीम द्वारा फेंसिंग एवं सुरक्षा हेतु गार्ड रूम तैयार किया जा रहा हैं। कलेक्टर सिन्हा ने पौधा रोपण हेतु उपयुक्त समय को देखते हुए वन विभाग को नि:शुल्क पौधा योजना के अंर्तगत किसानों एवं जन सामान्य को पौधा वितरण के निर्देश दिए। जिससे किसान अपने हर खेत के मेड में पौधा रोप सके, इसके अलावा जन सामान्य आपने घरों के आसपास अधिक से अधिक पौधे रोप सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि कृषक, स्कूल, पंचायत स्तर पर लोगों को वन मंडल से नि:शुल्क पौधा उपलब्धता की जानकारी दें।
इस दौरान उन्होंने नरवा के कार्यों की जानकारी ली। विभागीय अधिकारी ने बताया कि धरमजयगढ़ में नरवा नरवा ट्रीटमेंट पर कार्य किया जा रहा हैं। जिससे सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि हुई हैं। इस दौरान सहकारिता विभाग के अधिकारी ने बताया कि योजनान्तर्गत प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय सहकारी संस्थाएं के रूप में विकसित करते हुए समितियों में जन औषधि केन्द्र, लोक सेवा केन्द्रों की स्थापना एवं अन्य जनोमुखी कार्यक्रम संचालित करते हुए कृषक के आर्थिक विकास के संबंध में अवगत कराया। इसी प्रकार जिले में पंजीकृत दुग्ध एवं मछुआ सहकारी समितियों में सदस्यों की आर्थिक विकास हेतु प्रत्येक गांवों को सम्मिलित करते हुए नवीन सहकारी समितियों का गठन करने संबंधी जानकारी दी गई।
इसी प्रकार उन्होंने उद्यानिकी विभाग की विभागीय योजानाओं की समीक्षा की। विभागीय अधिकारी ने बताया कि पीएम राष्ट्रीय बागवानी मिशन, शेड नेट का कार्य किया जा रहा हैं। इसके साथ ही पॉम ऑयल का वृक्षा रोपण किया जा रहा हैं, कलेक्टर श्री सिन्हा ने टारगेट में वृद्धि करते हुए पॉम ऑयल के क्षेत्र विस्तार के निर्देश दिए। केसीसी निर्माण के जवाब में विभागीय अधिकारी ने बताया कि केसीसी बनाने का 70 प्रतिशत कार्य किया जा चुका हैं।
कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर सिन्हा ने वर्षा की स्थिति की जानकारी ली। विभागीय अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में वर्षा ठीक हैं, कई स्थानों में कम वर्षा दर्ज की गई हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को धान के बदले अन्य फसल रकबा विस्तार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आधुनिक कृषि के माध्यम से किसान अधिक लाभ ले सकते है। उन्होंने किसानों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
खाद बीज का न हो कालाबाजारी रखें ध्यान
कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने कहा कि खेती-किसानी का समय हैं। साथ ही जिले में पर्याप्त खाद-बीज उपलब्ध है। सभी सोसाईटियो में खाद, बीज का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि निजी व्यवसायियों द्वारा खाद बीज कीटनाशक के कालाजाबारी में विशेष ध्यान रखा जाए एवं अधिक कीमत में बेचे पाए जाने पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। इस दौरान उन्होंने केसीसी में आवश्यक प्रगति लाने के निर्देश दिए।
हरेली के दिन जिले में होगा पशुओं का टीकाकरण
कलेक्टर सिन्हा ने पशु पालन विभाग को निर्देशित किया कि आगामी हरेली त्यौहार में गोठानों में पशुओं के लिए टीकाकरण शिविर आयोजित करें। उन्होंने कहा कि इससे पूर्व पशुपालकों को पशुओं के टीकाकरण हेतु सूचित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरेली के साथ ही रोका-छेका आभियान भी प्रारंभ किया जाएगा। इसके साथ ही पशुओं को गोठानो में लाने हेतु सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
पट्टा एवं केसीसी बनाने के धीमी प्रगति पर कलेक्टर ने जताई नाराजगी
कलेक्टर सिन्हा ने मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा के दौरान तालाबों के पट्टा के वितरण, केकेसी, मॉर्डन फिश फार्मिंग एवं मत्स्य बीज की जानकारी ली। विभागीय अधिकारी ने बताया कि बीज उत्पादन का कार्य किया जा रहा हैं। इसके साथ ही कलेक्टर श्री सिन्हा ने जिले में तालाबों की संख्या एवं पट्टा वितरण की जानकारी ली। पट्टा प्रदान पर आवश्यक प्रगति न होने एवं मत्स्य पालक के समूहों का केसीसी बनाने के कार्य में धीमी प्र्रगति पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि सभी मत्स्य पालक समूह का केसीसी बनना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने जिले में किए जा रहें, पारंपरिक मत्स्य पालन में बदलाव हेतु मत्स्य पालकों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए ताकि जिले के मत्स्य पालक समूह केज कल्चर, बायो फ्लॉक जैसे मॉर्डन फिश फार्मिंग से कम समय में अधिक से अधिक आय अर्जित कर सके। उन्होंने स्थानीय मत्स्य पालक समूह से प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए ताकि उन्हे लाभांवित किया जा सके। मत्स्य निरीक्षकों द्वारा केसीसी, पट्टा के प्रगति पर संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कलेक्टर सिन्हा ने नाराजगी जताते हुए मत्स्य निरीक्षकों के लिए प्रतिदिन का टारगेट सुनिश्चित करने के साथ केसीसी के लिए मत्स्य पालकों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए।
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