इन दिनों पूरे मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की जानकारी देने और बहनों के फार्म भरवाये जाने के लिये विभिन्न गतिविधियाँ जारी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं जिला स्तरीय महासम्मेलनों में बहनों को योजना के प्रावधानों से अवगत करा रहे हैं। मुख्यमंत्री पहले सम्मेलन में आई बहनों का फूलों की वर्षा कर स्वागत-अभिनंदन करते है और संवाद की शुरूआत फिल्मी तराने "फूलों का तारों का सबका कहना है-एक हजारों में मेरी बहना है" के साथ करते है। मुख्यमंत्री का यह जुदा अंदाज प्रदेश की बहनों को खूब भा रहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दिल से निकली लाड़ली बहना योजना प्रदेश में 5 मार्च को लांच की गई है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार की बहनों को सामाजिक-आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये गहन चिंतन के बाद मुख्यमंत्री ने योजना को अमलीजामा पहनाया। एक अप्रैल से योजना में आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। प्रदेश में योजना का प्रचार-प्रसार करने अनेक माध्यमों को अपनाया जा रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री चौहान स्वयं संभागीय और जिला मुख्यालयों में लाड़ली बहना योजना को समझाने बहनों का महा सम्मेलन भी कर रहे हैं। इन सम्मेलनों में बड़ी संख्या में बहनें शामिल हो रही है।
पिछली 5 मार्च को भोपाल के जंबूरी मैदान में हुए बहनों के सम्मेलन में मुख्यमंत्री चौहान ने स्टेप बाय स्टेप योजना की प्रक्रिया बहनों के साथ साझा की और एक बहन का आवेदन भी भरवाया। मुख्यमंत्री का बहनों के साथ यह संवाद निरंतर जारी है।
मुख्यमंत्री चौहान का शुरू से मानना है कि परिवार, समाज, प्रदेश और देश तभी सशक्त होगा, जब महिलाएँ सशक्त और आत्म-निर्भर होंगी। उनके जीवन का ध्येय है कि प्रदेश की सभी बहनों का जीवन सरल, सुखद और आंनदमय बनाया जाये। बहनें अपनी छोटी-मोटी जरूरतों और पैसों की आवश्यकता के लिए परेशान न हों। इसी उद्देश्य से प्रदेश में उन्होंने अभिनव मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना को शुरू किया है। योजना में ऐसे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार की बहनें जिनकी वार्षिक आय ढाई लाख रूपये से कम है, जिनके पास 5 एकड़ से कम भूमि है और जिन परिवारों में कोई आयकर दाता नहीं है, ऐसे परिवारों की 23 से 60 आयु वर्ग की बहनों को योजना में पात्र माना जाकर हर महीने एक-एक हजार रूपये उनके खातों में अंतरित किये जायेंगे।
योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सभी गाँव और वार्ड में शिविर लगा कर बहनों के आवेदन भरवाये जा रहे हैं। इस कार्य में सरकारी मशीनरी के साथ जन अभियान परिषद एवं अन्य समाजिक संस्थाएँ भी सहयोग कर रही है। मुख्यमंत्री चौहान स्वयं इन शिविरों में पहुँच कर प्रक्रिया का अवलोकन भी कर रहे है। बहनों को ई-केवायसी कराने में परेशानी न हो इसके लिये संबंधित संस्थाओं को प्रति केवायसी 15 रूपये की राशि भी राज्य सरकार दे रही है। इन सभी व्यवस्थाओं और मुख्यमंत्री चौहान की संवेदनशीलता से प्रदेश की सभी बहनें आनंदित है और उन्हें अब इंतजार है अपने जीवन में एक नई सुबह का, जिसका उदय 10 जून 2023 को होगा। यह दिन प्रदेश की बहनों के लिये ऐतिहासिक बन जायेगा, जब उनके खातों में मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की 1000 रूपये की प्रथम किस्त आयेगी।
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