ग्राम पंचायत रूद्री की रहने वाली फगनी बाई ध्रुव के पक्के मकान का सपना पूरा नहीं हो पाता, अगर प्रधानमंत्री आवास योजना का उसको सहारा नहीं मिलता। उनके जैसी छोटी आय वाले लोगों के लिए यह योजना मील का पत्थर साबित हुई है। उक्त योजना के बूते आज उनका परिवार खुद के पक्के मकान में निश्चिंत और निर्भीक होकर जीवन-यापन कर रहा है।
विकासखण्ड धमतरी की ग्राम पंचायत रूद्री में रहने वाली फगनी बाई ध्रुव जो दिव्यांग महिला भी है, अपने पति और दो बेटियों के साथ अत्यंत जर्जर मकान में निवास करते थे। मिट्टी से बना उनका कच्चा मकान काफी पुराना और जर्जर स्थिति में था, जो कभी भी टूट सकता था। ध्रुव परिवार को दिन-रात यह डर हमेशा से सताता रहता कि कभी कोई अनहोनी ना हो जाए। फगनी बाई ने बताया कि उनका पति जो पेशे से राजमिस्त्री है और उनकी दैनिक औसत मजदूरी 200-300 रूपए है। वह स्वयं मनरेगा के तहत रोजगार गारंटी में काम करके अपने बच्चों का भरण-पोषण करती हैं। उनकी आर्थिक स्थिति भी इतनी बेहतर नहीं थी कि पक्के मकान का उनका सपना पूरा होना तो दूर, इस बारे में वह सोच भी नहीं सकती थीं। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास योजना ने उनके अधूरे सपने को साकार कर दिया। वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक एवं जातिगत जनगणना के आधार पर बनी स्थायी प्रतीक्षा सूची एवं पात्रता के आधार पर फगनी बाई का आवास वर्ष 2019-20 में स्वीकृत हुआ। आवास स्वीकृत होते ही प्रथम किश्त के रूप में 25 हजार रूपए खाते में आने के पश्चात ध्रुव दम्पति ने अपने सपने का घर बनाना प्रारंभ कर दिया। इस प्रकार कुल चार किश्तों में एक लाख 20 हजार रूपए की राशि फगनी बाई के खाते में जमा हुए। इस दौरान उन्होंने अपने ही निर्माणाधीन मकान में बतौर मजदूरी भी की, जिससे न सिर्फ मनचाहा और गुणवत्तायुक्त आवास बनकर तैयार हो गया, अपितु उन्हें अपने घर में काम करने की मजदूरी भी मिली। आज ध्रुव दम्पति का पूरा परिवार बिना डर के अपने पक्के मकान में चैन की नींद ले पा रहे हैं, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार प्रकट किया।
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