जिले में पिछले 4-5 दिनों से तापमान में लगातार गिरावट आई है जिसके चलते शीतलहर का प्रकोप जारी है तथा आने वाले दिनों में इसमें और अधिक गिरावट आने की आशंका है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने आमजनों से अपील की है कि ठण्ड के मौसम में थोड़ी सावधानी बरतते हुए अपने व परिजनों की सेहत और खानपान पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने बूढ़ों व बच्चों के स्वास्थ्य का खास तौर पर से खयाल रखने की सलाह देते हुए कहा है कि शीतलहर के प्रकोप की आशंका को दृष्टिगत करते हुए बूढ़ों और बच्चों को यथासम्भव घर पर ही रहें। स्वास्थ्य केन्द्रों में शीत प्रकोप से बचाव के लिए वन विभाग से समन्वय स्थापित कर आवश्यकतानुसार अलाव जलाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही स्वास्थ्य केन्द्रों के अंतःरोगी कक्ष में विशेष तौर पर शिशुरोग वार्ड, प्रसव कक्ष तथा रैन बसेरों में रोगियों व आमजनों के लिए पर्याप्त मात्रा में कम्बल, चादर, एवं गर्म कपड़े उपलब्ध कराए गए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी ने कहा है कि शीतलहर के चलते सर्दी, खांसी तथा श्वास लेने में तकलीफ बढ़ जाती है जिसके मद्देनजर दवाओं का भण्डारण एवं समुचित चिकित्सा व्यवस्था करने अधीनस्थ स्वास्थ्य केन्द्रों को निर्देशित किया गया है। इस संबंध में सभी कॉम्बेट दलों को मैदानी स्तर पर लगातार निगरानी एवं चिकित्सकीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि शीतलहर के प्रभावित मरीजों की जानकारी प्रतिदिन ली जा रही है जिसे आपदा प्रबंधन विभाग के ई-मेल आईडी cgrelief@gmail.com में प्रेषित की जा रही है। उल्लेखनीय है कि जिले में शीतलहर के कारण किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होने की जानकारी नहीं मिली है।
शीतलहर के दौरान क्या करें, क्या नहीं ?
- सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे, जैसे नाक-कान, पैर-हाथ की उंगलियां आदि लाल हो जाएं, अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में तकलीफ हो तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें।
- जितना संभव हो, घर के भीतर रहें। जरूरी कार्य होने पर ही बाहर निकलें। आवश्यकतानुसार गर्म पेय पीते रहें।
- वद्ध व्यक्तियों एवं गर्भवती महिलाओं का गम्भीरता से ध्यान रखें और उन्हें अकेला ना छोड़ें।
- शीतलहर से बचाव हेतु गर्म कपड़े (स्वेटर, ऊनी कपड़े, टोपी एवं मफलर), कंबल, अलाव आदि का भी उपयोग किया जा सकता है।
- स्वास्थ्यवर्धक, ताजा और गर्म भोजन करें। साथ ही बासी भोजन लेने से परहेज करें।
- यदि केरोसिन व कोल हीटर का उपयोग करते हैं तो गैस व धुएं निकलने के लिए रोशनदान की व्यवस्था रखें।
- समाजसेवी संस्था, दानदाताओं एवं एनजीओ के साथ आवश्यक समन्वय स्थापित कर मलिन बस्तियों के रहवासियों को गर्म कपड़े, चादर के लिए प्रोत्साहित करें।
- मौसम से संबंधित समाचार व संदेशों को सुनकर उनमें विहित सलाहों का अनुसरण करें। स्वास्थ्य संबंधी परामर्श के लिए टोल फ्री नंबर 104 पर डायल कर आवश्यक जानकारी व सुझाव प्राप्त करें।
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