कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार शशि थरूर ने रविवार को कहा कि कुछ नेताओं पर इस बात का दबाव है कि वे इस इलेक्शन में मल्लिकार्जुन खरगे को सपोर्ट करें. ये सब बातें मुझे यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या वास्तव में अध्यक्ष पद का चुनाव निष्पक्ष रूप से हो रहा है. थरूर ने हालांकि गांधी परिवार पर खासतौर से राहुल और सोनिया गांधी पर इन बातों के लिए आरोप लगाने से साफ इनकार किया है. उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने इस चुनाव को लेकर अपना रुख पहले ही साफ कर दिया है कि वे अपनी ओर से किसी को भी पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए आधिकारिक रूप से उम्मीदवार नहीं घोषित कर रहे हैं और पूरी तरह से निष्पक्ष हैं.
थरूर ने एनडीटीवी से इंटरव्यू में कहा, ‘इस चुनाव के मुख्य चुनाव प्राधिकरण मधुसूदन मिस्त्री ने भी यह साफ किया है कि कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है और ना ही कोई किसी के पक्ष में है.’ वहीं, महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात के बाद थरूर ने मीडिया से रविवार को कहा कि गांधी परिवार चुनाव में उनका और दूसरे उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे का समर्थन कर रहा है. वो दोनों में से किसी के भी प्रति पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं अपना रहा है. उन्होंने कहा, ‘गांधी परिवार मुझे और खरगे दोनों को अपना आशीर्वाद दे रहा है. क्योंकि हम कांग्रेस को मजबूत करने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं.
2024 चुनाव से पहले कांग्रेस को बनाना है मजबूत’
उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य 2024 के चुनाव से पहले कांग्रेस को मजबूत बनाना है. थरूर ने उन अटकलों को खारिज कर दिया कि खरगे और उनके बीच चुनावी मुकाबला एक “आधिकारिक उम्मीदवार” (खरगे) और एक “अनाधिकारिक उम्मीदवार” (थरूर) के बीच है, जैसा कि कुछ नेता दावा कर रहे हैं. थरूर ने कहा, ‘गांधी परिवार के साथ बातचीत के बाद मैं आश्वस्त हुआ कि उनकी तरफ से मेरे या खरगे के प्रति कोई पक्षपातपूर्ण रवैया नहीं है.’ उन्होंने कहा कि बीजेपी को विपक्ष का हिस्सा बनने की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि 2024 के चुनाव के बाद उन्हें वहीं बैठना होगा. थरूर ने कहा, ‘हमारी पार्टी को बदलाव की जरूरत है और मेरा मानना है कि मैं वह व्यक्ति हूं जो बदलाव का उत्प्रेरक बनूंगा.’
यह चुनाव दो भाइयों का चुनाव’- खरगे
वहीं, कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए दूसरे दावेदार मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर के साथ उनके मुकाबले का उद्देश्य देश और पार्टी की बेहतरी के लिए अपने विचार रखना है. खरगे ने कहा कि यह आंतरिक चुनाव है. यह एक घर में ऐसे दो भाइयों की तरह है, जो लड़ नहीं रहे हैं, बल्कि अपनी बात रख रहे हैं और एक-दूसरे को समझाने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार का मकसद ये नहीं है कि कोई खास उम्मीदवार पार्टी का अध्यक्ष बनने पर क्या करेगा, बल्कि यह है कि वे साथ मिलकर क्या कर सकते हैं. खरगे ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस कार्यालय में पार्टी प्रतिनिधियों (डेलीगेट) के साथ बातचीत के दौरान ये बातें कहीं.
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