रायपुर। करोड़ो का टीएमटी सरिया खरीद कर पैसा गबन करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बताया कि ईश्वर टीएमटी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया था कि मई 2022 में लगभग 1.33 करोड़ रूपये का टीएमटी सरिया स्वास्तिक स्टील्स नामक फर्म के कर्ताधर्ता भावेश पटेल को बिक्री किया गया था। उक्त माल को किसी अन्य फर्म को भावेश पटेल के द्वारा बिक्री कर रकम प्राप्त कर ईश्वर टीएमटी को पैसे वापस नहीं किया गया था। पैसे की मांग करने पर भावेश पटेल फरार हो गया।
थाना उरला में संबंधित मामले का अपराध क्र. 420/22 धारा 420,409 भादवि कायम कर विवेचना में लिया गया। भावेश पटेल की गिरफ्तारी के लिये पुलिस पार्टी गुजरात भेजा गया। गुजरात पहुंचकर पुलिस पार्टी ने भावेश पटेल की तलाश शुरू की। लेकिन भावेश पटेल पुलिस पार्टी को चकमा देता रहा। काफी प्रयास के बाद भावेश पटेल पुलिस के कब्जे में आया। भावेश पटेल को पुलिस अभिरक्षा में रायपुर लाकर दिनॉंक 05.09.2022 को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर पुलिस रिमाण्ड दो दिनों का हासिल किया गया।
पुलिस रिमाण्ड के दौरान भावेश पटेल से गंभीरता से पूछताछ की गई। तब उसके द्वारा यह बताया गया कि काफी समय से उसके द्वारा रायपुर, रायगढ़, बिलासपुर के टीएमटी सरिया उत्पाद बड़ी कंपनियों से सरिया खरीद कर उसे छ.ग. के अलावा अन्य राज्यों को माल सप्लाई किया जाता था। उसके द्वारा यह जानकारी दी गई कि 2019 में उसके द्वारा संचालित जय दुर्गा स्टील्स फर्म फाफाडीह रायपुर में आयकर विभाग का छापा पड़ा था। उसके बाद उसका कारोबार ठप््प पड़ गया था। तब उसने अपने साथी नितेश गोयल निवासी कबीर नगर रायपुर को ट्रेडिंग के काम में शामिल किया। उसने व्यापारियों को बताया कि स्वास्तिक स्टील्स उसकी कंपनी है। जबकि उक्त कंपनी नितेश गोयल की थी। स्वास्तिक स्टील्स नामक फर्म के नाम से टीएमटी विक्रेता कंपनियों से माल खरीद कर छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के खरीददारों को माल बिक्री करने का बड़ा कारोबार फिर से चालू कर लिया गया। पुराने व्यापारी भावेश पटेल पर भरोसा कर उसे माल देते रहे।इस दौरान व्यापारियों को धोखा देने का सिलसिला शुरू हुआ। टीएमटी सरिया अधिक दामों में खरीद कर कम दामों में बेचकर भी स्वास्तिक स्टील्स मार्केट में अपना रूतबा कायम रखने का दिखावा करती रही।
पर जब विक्रेता कंपनियों की देनदारी बढ़ने लगी तब अचानक जून 2022 के आस-पास भावेश पटेल अपना मोबाईल बंद कर फरार हो गया। तब तक ईश्वर टीएमटी सहित लगभग सोलह कंपनियों का करीबन बारह करोड़ रूपये की देनदारी स्वास्तिक स्टील्स पर थी। व्यापारी भावेश पटेल का तलाश करते रहे। पर वह फरार हो चुका था। व्यापारियों ने स्वास्तिक स्टील्स के ऑफिस में पता किया तो वह फर्म किसी और व्यक्ति नितेश गोयल का होना पाया गया। इस तरह भावेश पटेल किसी और के फर्म को अपना फर्म बताते हुये व्यापारियों को धोखे में रखकर कारोबार कर रहा था। आखिरकार ईश्वर टीएमटी के द्वारा पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराया गया।
भावेश पटेल के गिरफ्तार होेने पर सारे मामले का खुलासा हुआ। भावेश पटेल के द्वारा पूछताछ पर बताया गया कि स्वास्तिक स्टील्स फर्म के असली प्रोपाराईटर नितेश गोयल के साथ 70/30 प्रतिशत के लाभांश में काम करने का करार कर शुरूआत में व्यापारियों का भरोसा अर्जित कर बाद में धोखाधड़ी व बड़े पैमाने में रकम के गबन करने का खेल खेला गया था। पकड़े जाने के बाद दोनों आरोपी एक-दूसरे के ऊपर आरोप मड़ते रहे। उन्होनें अपने बचाव में कई दस्तावेज भी तैयार किये थे । दोनों आरोपी भावेश पटेल एवं नितेश गोयल को उरला पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर ज्युडीशियल रिमाण्ड पर भेजा गया है।
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