अडानी ग्रुप करेगा डीबी पॉवर का अधिग्रहण

 


डीबी पावर प्लांट (db powar plant) का अधिग्रहण अब अडानी पावर लिमिटेड करने जा रहा है। इसकी प्रमुख वजह डीबी पावर प्लांट घाटे में चलना बताया जा रहा है और आगे अधिक नुकसान से बचने के लिए अडानी को सौंपा जा रहा है। इस दोनों कंपनियों के बीच सेबी विनिमय 30 के तहत प्रकटीकरण सूचीबद्धता दायित्व विनिमय 2015 सेबी एलओडीआर के तहत सहमति बन चुकी है। इस समझौते को लोग अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। लोगों का कहना है कि कंपनी घाटे से उबरने के लिए यह करार किया है। वहीं सूत्रों का यह भी कहना है कि डीबी पावर कंपनी कर्ज तले दबी हुई है। और आगे प्लांट के संचालन करने बेबस नजर आ रही है। जिसके चलते पूरी यूनिट को अडानी को सौंपने जा रही है। बता दें कि जिले के डभरा ब्लॉक के बाड़ादहरा गांव में स्थित डीबी पावर (db powar) कंपनी 600-600 यूनिट की दो मेगावॉट थर्मल पावर का मालिक है। वर्तमान में यह पावर प्लांट बिजली उत्पादन तो कर रही है लेकिन कंपनी घाटे में चल रही। डीबी पावर ने अपने 932.5 मेगावॉट के लिए दीर्घकालिक और मध्यम अवधि के बिजली खरीद समझौता किया है। जिसमें क्षमता, कोल इंडिया लिमिटेड के साथ ईंधन आपूर्ति समझौतों द्वारा समर्थित है। इतना ही नहीं लाभप्रद रूप से संचालित कर रहा है।

5500 करोड़ का कर्ज

सोशल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डीबी पावर कंपनी मौजूदा स्थिति में 5500 करोड़ रुपए के कर्ज में चल रही है। कंपनी की माली हालत खराब है, क्योंकि जरूरतों के हिसाब से कंपनी (db powar) को कोयला नहीं मिल पा रही है। जिससे बिजली उत्पादन भी अच्छा खासा प्रभावित हो रहा है। मांग के मुताबिक बिजली उत्पादन भी नहीं हो पा रही है। कंपनी के राखड़ का निस्तारण भी बखूबी नहीं हो पा रहा। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद और भी बड़ी डील की घोषणा की जा सकती है। जिसमें कंपनी को 7200 करोड़ रुपए में बिकने का भी सौदा होने वाला है।

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