विगत दिनों में स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ छ ग के प्रदेश अध्यछ टारजन गुप्ता ने बीजापुर cmho डॉ सुनील भारती पर स्वास्थ्य विभाग के सीधी भर्ती पर नियम विरूद्ध कार्य करने ,अपात्रो को पात्र करने ,चयन सूचि में छेड़छाड़ करने ,07दिवस के भीतर आर्थिक लेनदेन कर आदेश संसोधन करने एवं भारी मात्रा में आर्थिक लेनदेन कर अभ्यर्थी को चयनित करने के साथ साथ मनचाहा पोस्टिंग प्लेस दिलाने के नाम पर भारी अनियमितता की गई है।
जिस पर प्रदेश अध्यक्ष टार्जन गुप्ता ने बस्तर कमिश्नर महोदय को भेट कर जाँच कर cmho बीजापुर को निलंबित कर क़ानूनी कार्यवाही की मांग की है साथ ही साथ टार्जन गुप्ता ने माननीय मुख्यमंत्री के बस्तर दौरे में भेंट कर cmho बीजापुर सुनील भारती पर निलंबन के साथ साथ कठोर क़ानूनी कार्यवाही की मांग की है ।
विगत दिनों में माननीय मुख्यमंत्री जी का जन चौपाल बीजापुर जिले में 19 मई को थी ,बीजापुर Cmho सुनील भारती ने आनन फानन में कार्यवाही से बचने के लिए अरुना बोड़के जो चयनित अभ्यर्थी थी उसके स्थान पर अन्य अभ्यर्थी रीता फुलमादरी का चयन किया था जिसमे भारी लेनदेन की पूरी आशंका हैं ! विदित हो की दिनांक 18 मई को अरुणा बोडके पिड़ित अभ्यथी को एक लेटर थमा दिया गया की लिपिकीय त्रुटि के कारण आपका 10 अंक छुट गया था जबकि प्रथम बार जारी अंतिम चयनित सूचि में चयनित अभ्यर्थी थी ।
इस प्रकार कार्यवाही के डर से लिपिकीय त्रुटि का हवाला देकर अन्य अभ्यर्थी को चयन कर मोटी रकम वसूल की गई और चयनित अभ्यर्थी के भविष्य एवं प्राप्त होने वाले नियमित शासकीय सेवा से खिलवाड़ किया गया है ।
संघ के प्रथम आरोप में ही अरुणा बोडके के साथ जालसाजी की शिकायत की गई थी जो सच साबित हुई ।Cmho बीजापुर द्वारा जारी पत्र जरूर पढ़ें
ये तो शुरूवात हैं संगठन अभी बारी बारी से सभी आरोप जो chmo पर लगाए है वो सत्य साबित होंगे
संगठन के पास आर्थिक लेनदेन की आडियो रिकॉर्डिंग ,वीडियो रिकॉडिंग ,एवं लिखित सबूत भी है जिसमे cmho बीजापुर कार्यालय के कुछ लोग शामिल हैं ।
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष हरीश जायसवाल एवं संभाग अध्यक्ष सौरभ गौड़ ने कहा की अब स्वास्थ्य मंत्री के साथ साथ मानवाधिकार आयोग एवम ऱाज्यपाल महोदया जी से भी भेट क़र ज्ञापन सौपेंगे एवं जब तक कठोर कार्यवाही नहीं होगी तब तक ये मुहीम जारी रखेंगे ताकि भविष्य में कोई Cmho के द्वारा किसी भी अभ्यर्थी के भविष्य के साथ ऐसा खिलवाड़ न किया जा सके और बस्तर जैसे सुदूर अंचल के भोले भाले लोगों के साथ आर्थिक शोषण ना किया जा सके ।
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