स्वसहायता समूह की महिलाएं गौठान से जुड़कर आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में नया कदम बढ़ा रहीं है। गौठान में स्वसहायता समूह की महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट, मशरूम उत्पाद, साग-सब्जी उत्पादन के साथ-साथ अब मधुमक्खी पालन करने के दिशा में आगे बढ़ रहीं है। शासन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। गौठान को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करते हुए विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित की जा रही है। कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा की पहल पर खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम करेला की स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा गौठानों में मधुमक्खी पालन किया जा रहा है।
ग्राम करेला के गौठान में जय संतोषी एवं जय मां गायत्री महिला स्वसहायता समूह द्वारा मधुमक्खी पालन किया जा रहा है। गौठान की 20 महिला सदस्य मधुमक्खी पालन में संलग्र है। खादी ग्राम उद्योग के माध्यम से मधुमक्खी पालन के लिए 200 नग बी बाक्स उपलब्ध कराया गया। प्रारंभ में समूह की महिलाओं को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण दिया गया। अब महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर मधुमक्खी पालन कर रहीं है। बाजार में शहद एवं इसके उत्पाद की बढ़ती मांग के कारण मधुमक्खी पालन एक लाभदायक और आकर्षक व्यावसाय के रूप में स्थापित हो रहा है। मधुमक्खी पालन के उत्पाद के रूप में शहद और मोम आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इससे कम लागत पर मधुमक्खी पालन एक सफल व्यावसाय साबित हो रहा है।
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