Reporting :- मेघा तिवारी
प्रयागराज :इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिसने अपनी प्रेमिका के साथ खींची हुई अंतरंग तस्वीरें कथित तौर पर उसके परिजनों को भेजी थीं।
बलराम जायसवाल नाम के व्यक्ति की जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने सात फरवरी के अपने आदेश में कहा, “तथ्यों पर गौर करने के बाद लगता है कि आवेदनकर्ता सहानुभूति के लायक नहीं है। उसने मौज मस्ती के लिए अपने संबंधों का दुरुपयोग किया। उसने पीड़िता का विश्वास जीतने के बाद उसकी अंतरंग तस्वीरें लीं और अंत में उसे धमकाना शुरू कर दिया।”
अदालत ने कहा, “यह विश्वासघात का एक विशेष मामला है, जिसमें व्यक्ति पीड़िता के प्रति असंवेदनशील और कुटिल है।”
आरोप के मुताबिक, “बलराम फेसबुक के जरिए पीड़िता के संपर्क में आया। जब युवती से उसके संबंध गहरे हुए तो उसने अंतरंग तस्वीरें लीं और उसका शोषण करने लगा।
इसके बाद पीड़िता ने वाराणसी के लंका थाना में आईपीसी की धारा 376 और अन्य धाराओं और आईटी कानून की धारा 67 के तहत मामला दर्ज कराया। आवेदक नौ अगस्त, 2021 से इस मामले में जेल में है।
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