शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet) ने प्रदेश में नई आबकारी नीति 2022-23 (new excise policy) को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट से प्रस्ताव पास होते ही कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए सरकार की मंशा पर सवाल उठाएं हैं.
कांग्रेस विधायक सुनील सर्राफ(congress mla sunil sarraf) ने कहा कि एक तरफ सरकार कहती है नई शराब दुकानें नहीं खोलेंगे. दूसरी ओर हेरिटेज वाइन के जरिये आदवासियों का शोषण करने की कोशिश हो रही है. सिर्फ लोगों को गुमराह किया जा रहा है. कांग्रेस ने उमा भारती को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा उमा भारती सड़क पर नहीं आने वाली हैं. सिर्फ लोगों को गुमराह करने के लिए ये ऐसे बयान देती रहती हैं.
बीजेपी ने किया पलटवार
कांग्रेस के आरोपों को बीजेपी ने सिरे से खारिज करते हुए नई आबकारी नीति को प्रदेश और जनता के हित का बताया है. बीजेपी नेता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की आदत भड़काने की है. सरकार मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना चाहती है, लेकिन कांग्रेस आदिवासियों को आत्मनिर्भर नहीं होने देना चाहती.
रजनीश अग्रवाल ने कहा कि हम शराब मुक्ति के पक्ष में हैं. इसके लिए लगातार जागरुता अभियान चलाए जा रहे हैं. अग्रवाल ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में आवाज बुलंद कर रहे हैं. कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि जहां उनकी सरकार है, यानी राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और महाराष्ट्र में शराब बंदी को लेकर क्या काम हो रहा है.
क्या है नई आबकारी नीति
नई प्रस्वावित आबकारी नीति एक अप्रैल 2022 से लागू होगी. इसके मुताबिक नई शराब दुकानें नहीं खोली जाएंगी. बॉटलिंग फीस में कोई भी बदलाव नहीं किया जाएगा. प्रस्ताव में उप दुकान खोला जाना वाणिज्यक कर विभाग द्वारा प्रस्तावित किया गया था, जिसे मुख्यमंत्री ने खारिज कर दिया.
अंगूर से शराब बनाने पर वर्ष 2025-26 तक आबकारी शुल्क नहीं लिया जाएगा. जामुन से भी वाइन के निर्माण की अनुमति होगी. भोपाल और इंदौर में माइक्रो ब्रेवरीज खोली जा सकेंगी. शराब दुकानों के ठेके छोटे समूह में दिए जाएंगे.
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