छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित धर्मसंसद 2021 का समापन हो गया. लेकिन इस कार्यक्रम का समापन विवादों के साथ खत्म हुआ. आज धर्मसंसद का आखिरी दिन था, जिसमें संत कालीचरण ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित बयान दिया, उन्होंने देश के बंटवारे के लिए बापू को जिम्मेदार ठहराया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर दिए गए इस विवादित बयान से नाराज होकर वहां मौजूद महंत रामसुंदर दास ने धर्मसंसद का कार्यक्रम छोड़ दिया.
बापू पर दिया विवादित बयान
जब धर्मसंसद में संत कालीचरण बोलने पहुंचे तो उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को लेकर विवादित टिप्पणी तो की ही. साथ ही बापू के हत्यारे नाथूराम गोडसे का महिमामंडन भी करने लगे. उनके इस रवैये पर धर्मसंसद में विरोध शुरु हो गया. महंत रामसुंदर दास ने बापू पर दिए विवादित बयान पर कड़ा विरोध जताया.
विरोध में उतरे महंत रामसुंदर
जैसे ही संत कालीचरण ने बापू पर यह बयान दिया तो कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक और राज्य गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास उनके इस बयान का विरोध जताते हुए वह छोड़कर कार्यक्रम से चले गए. उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि ''धर्मसंसद से मैं खुद को अलग करता हूं और वह अगले साल धर्म संसद में शामिल नहीं होंगे. क्योंकि यहां मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अशोभनीय बातें कही गई हैं. हम इसका विरोध करते है.'' उन्होंने गुस्से में मंच छोड़ दिया और धर्मसंसद से बीच में चले गए. जिसके बाद धर्म संसद का माहौल पूरी तरह बदल गया. संतों में अफरातफरी मच गई और इसी के साथ धर्मसंसद को समाप्त किया गया.
गौरतलब है कि दो दिन से चल रहे इस धर्मसंसद का आयोजन नीलकंठ सेवा संस्थान ने किया था, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास इसके संरक्षक थे. इस कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, निगम सभापति प्रमोद दुबे, भाजपा नेता सच्चिदानन्द उपासने समेत कई भाजपा और कांग्रेस नेता भी शामिल हुए थे.
बता दें कि संत कालीचरण तब चर्चा में आए थे, जब मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध भोजपुर शिव मंदिर में शिव तांडव स्त्रोत का गायन करते हुए उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. यह वीडियो फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया था.
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