कार्टून एक ऐसी विधा है, जो कठिन से कठिन परिस्थितियों को बड़े सरल और सहज रूप में प्रस्तुत करती है। कार्टून में एक संदेश छिपा होता है। कार्टूनिस्ट, कार्टून के माध्यम से समाज की समस्याओं और कुरीतियों पर कटाक्ष करते हैं। साथ ही कई बार इसके जरिए सकारात्मक संदेश भी प्रदान किया जाता है। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित कार्टून वॉच पत्रिका के रजत जयंती समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि कार्टून पर आधारित पत्रिका का 25 वर्ष पूर्ण होना एक बड़ी उपलब्धि है। इस अवसर पर राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल ने ड्राइंग बोर्ड पर कार्टून बनाकर समारोह का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने कार्टून वॉच पत्रिका के संपादक श्री त्र्यम्बक शर्मा को पत्रिका के 25 वर्ष पूर्ण करने पर बधाई दी।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में आर.के. लक्ष्मण, सुधीर तैलंग, आबिद सुरती, मारियो मिरांडा जैसे महान कार्टूनिस्ट हुए, जिन्होंने देश के समसामयिक मुद्दों पर कार्टून बनाया और जनता का ध्यान आकर्षित भी किया। इनमें कई नाम ऐसे भी हैं, जिनका केवल कार्टून कॉलम देखने के लिए लोग अखबार खरीदा करते थे। हम छोटे बच्चों को कॉमिक्स के माध्यम से कई कहानियों से परिचित भी कराते थे। आज इस विधा का प्रचलन कहीं न कहीं अपेक्षाकृत कम हुआ है। इसकी जगह पर एनिमेशन, टी.वी. चैनल में आने वाले कई कार्यक्रमों ने ले ली है। आवश्यकता है कि इस विधा को जीवित रखें और नई पीढ़ियों को जानकारी देते रहें।
उन्होंने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने अपने कार्टूनिस्ट मित्र शंकर पिल्लई को कहा था कि शंकर तुम मुझे भी मत बख्शना। उस दौर में सहनशीलता थी कि नेता अपने कार्टून देखकर प्रसन्न होते थे और उसमें छिपे मर्म को समझते थे और स्वयं में सुधार करते थे। आज स्थिति बदल गई है, सहनशीलता घट रही है और लोग सिर्फ प्रशंसा करने वाले को ही अपना मित्र मानने लगे हैं। ’निंदक नियरे राखिये, आंगन कुटी छबाय’ वाली बात अब दिखाई नहीं देती।
राज्यपाल ने कहा कि ऐसी कला जो विलुप्त हो रही हो, जिसके लिये समाचार पत्रों में अब जगह सिकुड़ने लगी हो, ऐसी कठिन विधा के लिये अपना जीवन समर्पित कर देना और पच्चीस वर्ष सफलतापूर्वक पूरा कर लेना एक महती कार्य है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि कार्टूनिस्ट, व्यंग्यकार या चित्रकार कबीर दास जी के मार्ग का अनुसरण करते हैं। वे हमेशा निर्भीक, निष्पक्ष और निडर होकर कार्य करते हैं। वे शब्दों और भावनाओं को लकीरों में उकेरते हैं, जो कि अत्यंत कठिन कार्य है। उन्होंने श्री त्र्यम्बक शर्मा को कार्टून वॉच पत्रिका के 25 वर्ष पूर्ण करने पर बधाई दी।
पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कार्टून जैसे विधा पर आधारित पत्रिका को 25 वर्ष तक लगातार प्रकाशित करना एक कठिन कार्य है, साथ ही बहुत बड़ी उपलब्धि भी है। इसके लिए लगन के साथ-साथ समर्पण भाव की भी आवश्यकता होती है। आजकल बच्चे हमेशा टी.वी. में कार्टून देखते रहते हैं, परन्तु इसे पत्रिका के रूप में प्रकाशित करना चुनौतीपूर्ण कार्य है।
हरिभूमि के प्रधान संपादक श्री हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि किसी पत्रिका विशेषकर कार्टून आधारित पत्रिका का रजत जयंती पूर्ण करना बड़ी उपलब्धि है। साथ ही हम सबके लिए गर्व की बात है कि कार्टून की एकमात्र पत्रिका छत्तीसगढ़ से प्रकाशित होती है।
समारोह में कार्टूनिस्ट श्री सागर, कार्टूनिस्ट श्री भागवत साहू और आर्टिस्ट श्री संघर्ष यदु को सम्मानित किया गया।
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