अन्तागढ़, जावेद खान:अंतागढ़ जिला बनाओ अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के आज 43 वे दिन 7 गांव के ग्रामीणों ने अपना समर्थन अंतागढ़ को जिला बनाने में दिया अंतागढ़ जिला के समर्थन में अंतागढ़ से 17 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत ताडोकी की तुमापाल कचवर पतकाल बेड़ा ग्रामीण तो वही दूसरी ओर अंतागढ़ से 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत मंगता साले भाट के गुन्जनार पदबेड़ा् सालेभाट सैकड़ों ग्रामीण आज अंतागढ़ पहुंचे और अंतागढ़ जिला बने इसका समर्थन किया और एक विशाल रैली का आयोजन किया रैली के दौरान कुछ हद तक यातायात भी प्रभावित रही।
जानकारी के अनुसार, बस्तर रियासत की तहसील अन्तागढ़ को जिला बनाने की मांग अन्तागढ़ क्षेत्रवासी लम्बे समय से कर रहे है।अन्तागढ़ को जिला बनाने अनिश्चित कालीन धरना 18 अगस्त से शुरू किया गया है, जिसके समर्थन में आज 43 वे दिन अन्तागढ़ ब्लॉक के ग्राम पंचायत ताड़ोकी ग्राम पंचायत मंगता साले भाट के सैकड़ों ग्रामीण एक लंबी दूरी तय कर पहुंचे जहां सैकड़ों ग्रामीणों द्वारा अंतागढ़ के मद्रासी पारा अटल चौक से लेकर धरना स्थल शहीद वीर नारायण चौक तक एक विशाल क्षरैली के रूप में हाथों में बैनर पोस्टर लिए अंतागढ़ को जिला बनाओ के नारों के साथ धरना स्थल पहुंचे इस रैली में बड़ी संख्या में महिलाएं युवा वर्ग और बुजुर्ग शामिल थे धरना स्थल पहुंचकर ग्रामीणों ने एक सभा का आयोजन किया. बच्चे,नवजवान का आंदोलन बन चुका है। आज हर वर्ग अंतागढ़ को जिला बनाए जाने की आज जिला का हर तरफ से भी जनसहयोग मिल रहा है। सभा में अपने संबोधन में वही सभा को संबोधित करते हुए ताडोकी के सरपंच धन्नूराम ध्रुव ने कहा कि अन्तागढ़ को जिला बनाने की मांग आज या कल की नही है,ये लम्बे समय से चल रही है। लेकिन आज तक अन्तागढ़ राजनीति का शिकार होता आया है। हमारे चुने हुए जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व क्षमता के कारण आज तक क्षेत्रवासी उपेक्षा का शिकार होते आये है।लेकिन अब वैसा नही होगा अब हम आरपार की लड़ाई लड़ने तैयार हैं। चाहे हमे जो करना पड़े हम जिला लेकर रहेंगे।कोलर परगना मांझी भी ब्रिटिश कालीन तहसील को जिला के रूप में देखना चाहते है और आज धरना स्थल में उपस्थित होकर क्षेत्रवाशियो को अपिल करते हुये कहा कि अन्तागढ़ को जिला बनाने अब हम सब मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।ये हमारी हक है,राजा जमाने के तहसील होने के बाद भी आज तक अन्तागढ़ के साथ छल किया जा रहा है। आने वाले समय मे 6 अक्टूबर से उग्र प्रदर्शन चक्काजाम में कोलर परगना हजारो की संख्या में ग्रामीण पुहुचेंगे।
ममतासालेभट सरपंच श्रीमती मनीषा कुमेटी ने अन्तागढ़ को जिला बनाने आज सरपंच के नेतृत्व में सैकड़ों महिला, बच्चे, युवा,बुजुर्ग कई दूध मुँह बच्चे को लेकर रैली में पहुँचे थे। सरपंच ने कहा कि अन्तागढ़ को जिला बनाने जब भी हमारे पंचायत के लोगो का जरूरत पड़ेगा हम सब घर घर से आंदोलन में शामिल होने पहुँचेंगे और इस बार हर हाल में अन्तागढ़ को जिला बना कर ही रहेंगे।अन्तागढ़ जिला निर्माण समिति के संरक्षक और जनपद अध्यक्ष बद्री गावड़े ने जिला के सम्बंध में अपनी बात रखते हुये बताया कि आज लगातार अलग-अलग पंचायतो से ग्रामीण आंदोलन में अपना समर्थन दे रहे हैँ । आज आंदोलन को 43 वां दिन होने के बावजूद भी आज तक सरकार के कानों में हमारी मांग नही पहुँच रही है। आज हर समाज के लोग अलग अलग तरीके से सिर्फ जिला की मांग को लेकर ज्ञापन के माध्यम से शासन से मांग कर रहे है लेकिन कोई पहल अब तक नही हुआ है। इस कारण से अब उग्र प्रदर्शन की तैयारी चल रही है और 6 अक्टूबर से अनिश्चित कालीन चक्काजाम किया जाएगा,प्रशासन को अल्टीमेटम दे चुके है। अब आरपार की लड़ाई होगी।आज के सभा को आंदोलनकारी आदिवासी नेता सन्तराम सलाम,विश्राम गावड़े,परवेज खान,राकेश गुप्ता,जागेश्वर कोमरा उपसरपंच,बिसनु बघेल ने भी सभा को सम्बोधित किया गया।
सभा समाप्त होने के पश्चात ग्रामीणों द्वारा धरना स्थल से नयापारा राजीव चौक तक रैली निकाल ज्ञापन देने पहुंचे अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अंतागढ़ को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। ,6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन चक्का जाम का लिया गया निर्णय बता दें कि 18 अगस्त चालू किया गया यह धरना प्रदर्शन आज पूरे डेढ़ माह होने को जा रहा है लेकिन शासन प्रशासन की ओर से इस आंदोलन पर किस प्रकार का कोई प्रभाव दिखाई नहीं दे रहा है जिसके चलते आंदोलनकारियों ने अब आंदोलन को उग्र रूप में करने का विचार बना लिया है और आगामी 6 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन चक्का जाम करने का फैसला लिया गया है जिसकी तैयारी आंदोलनकारियों द्वारा जोरो जोरो से किया जा रहा है आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक हमारा अंतागढ़ जिला नहीं बनेगा तब तक हम यह आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे भले हमें कितना दिन भी बैठना पड़े हमारा आंदोलन यूं ही चलता रहेगा
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