राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द से राज्यपाल अनुसुईया उइके ने नई दिल्ली में मुलाक़ात कर जनजातीय क्षेत्रों में पाँचवीं अनुसूची एवं आदिवासियों के विकास-कल्याण सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति से कहा कि पिछले दिनों कुछ संस्थाओं ने ज्ञापन देकर आग्रह किया है कि राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल ट्राइबल कौंसिल, राज्य स्तर पर स्टेट ट्राइबल कौंसिल तथा जिला स्तर पर डिस्ट्रिक ऑटोनॉमस कौंसिल का गठन किया जाना चाहिए। साथ ही विकासखंड स्तर पर रिजनल कौंसिल, ग्राम स्तर पर ग्रामसभा होनी चाहिए, जिसकी सलाह से आदिवासियों के विकास और कल्याण कि लिए नीतियां बनाई जाए और क्रियान्वित किया जाए। संस्थाओं ने यह भी कहा कि पेसा कानून के अंतर्गत नियम बनाकर पूरी तरह क्रियान्वित किया जाए। राज्यों में समय-समय पर आदिवासी सलाहकार परिषद की बैठक हो और राज्यपाल से सलाह ली जाए। इनकी सलाह से आदिवासी कल्याण के नीतियां बनाई जाएं तथा लागू किया जाए। इन संस्थाओं ने यह भी आग्रह किया है कि आदिवासियों के उपयोजना की राशि को आदिवासियों के विकास में पूरी तरह उपयोग किया जाए। साथ ही शेड्यूल एरिया एडमिनिस्टेªटिव सर्विस कमीशन बनाने की सुझाव दिया है।
राज्यपाल सुश्री उइके ने राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान जनजातीय क्षेत्रों में संविधान के पाँचवीं अनुसूची के प्रावधानों को प्रभावी तरीके से लागू करने की बात कही।
सुश्री उइके ने राष्ट्रपति से देश की अनुसूचित जनजातियों के कल्याण और उन्नति के लिए भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची के अनुसार आदिवासी सलाहकार परिषद की प्रभावी भूमिका और जिम्मेदारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध भी किया। इसके अलावा राज्यपाल ने प्रदेश के विकास के मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रपति को ‘कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका’ पुस्तिका तथा प्रतीक चिन्ह भेंट की।
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