रायपुर/07 जुलाई 2021 मोदी राज में महंगाई आज अपने चरम पर है इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मोदी जी ने पहले ही महंगाई बढ़ाने का सोच रखे था।आप देख लीजिए आज तक बढ़ती महंगाई,बढ़ती बेरोजगारी,घटते रोजगार पर मोदी जी का कोई भी बयान सुनाई नही दिया चाहे वो मन की बात ही क्यो न हो। शहर जिला काँग्रेस कमेटी के पूर्व प्रवक्ता एवं जनभागीदारी सेवा समिति के अध्यक्ष डॉ.विकास पाठक ने बताया कि आज बढ़ती महंगाई पर केंद्र की बीजेपी सरकार कुम्भकर्णीय नींद में सोई हुई है।केंद्र की बीजेपी सरकार को देख ऐसा प्रतीत होता है कि उसे बढ़ती महंगाई से कोई फर्क नही पड़ता है। आज एक मुहावरा याद आरहा है जो बीजेपी पर चरितार्थ होरहा है आंखों के अंधे,कानो के बहरे ऐसी है बीजेपी सरकार। महंगाई देश की अर्थव्यवस्था का एक सूचक है।भारत की जीडीपी लगातार गिर रही है।सरकारी एजेंसी सेल स्टेटिक स्टिकल ऑफिस(सीएसओ) ने भी बीते माह दूसरी छमाही के लिए 4.5% बताई थी और अब आरबीआई ने इसका अनुमान 05 प्रतिशत लगाया है जो कि चिंता का विषय है।डॉ.विकास पाठक ने बताया कि केंद्र सरकार को मोदी जी को जो अपने मन की बात सिर्फ कहते है पर कभी जनता के मन की बात नही सुनते आज बढ़ती महंगाई देश की अर्थव्यवस्था की लिए बहुत गंभीर तो है ही आम आदमी का घर चलाना मुश्किल हो रहा है।जब-जब महंगाई बढ़ती है यह गरीबी और बेरोजगारी से भी खतरनाक बन जाती है।आज अंतरास्ट्रीय बाजार पर कच्चे तेल का का मूल्य बहुत कम 30 से 32 रुपये प्रति बैरल है उसके बाद भी केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार पेट्रोल,डीजल के मूल्य में वृद्धि कर रही है।पेट्रोल,डीजल के मूल्य वृद्धि से खाने की तैल अनाज से लेकर रोजमर्रा की वस्तुओं में मूल्य बृद्धि होती है।आज पेट्रोल 100 रुपये ओर खाने का सरसो तैल 200 रुपये होगया उसके साथ ही आज बीजेपी ने गेस सिलेंडर में 25 रुपये की बढ़ोतरी कर आम आदमी के कमर तोड़ने का काम कर रही है।महंगाई तो लगातार बढ़ रही है पर जो आम आदमी है जो प्राइवेट जॉब करते है उनकी इनकम नही बढ़ती।आज जितनी महंगाई इन सात सालों में बढ़ी है है भारत के इतिहास में इतनी महंगाई आज तक नही हुई।सत्ता में आने के पूर्व मोदी ने कहा था कि हर साल दो करोड़ लोगों को नोकरी देगे यहाँ बीजेपी के राज में नोकरी मिलना तो दूर जिनकी नौकरी थी वो भी खोगई सिर्फ बीजेपी के कारण उनकी गलत नीतियों के कारण।मोदी जी ने सिर्फ उद्योगपतियों की ओर ध्यान दिया आम जनता की तरफ देखे भी नही। जबकि ध्यान देने वाली बात यह है कि इन बड़ी कंपनियों की,उद्योगपतियों की अर्थव्यवस्था में योगदान मात्र 20-22 प्रतिशत है।अगर आज भी केंद्र की बीजेपी सरकार कुम्भकर्णीय नींद से नही जागी तो भारत की स्थिति बत से बत्तर हो जाएगी एक बड़ा वर्ग गरीबी रेखा के नीचे चल देगा।
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