विशेषज्ञों ने कहा.. सावधानी नहीं बरती तो अक्टूबर-नवंबर में चरम पर रहेगी तीसरी लहर

 


मेघा तिवारी की रिपोर्ट,नई दिल्ली। देश में कोरोना की दूसरी लहर के सुस्त पड़ने के बीच तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। बदलते लक्षण के कारण लोगों और विशेषज्ञों को यह समझने में भी मुश्किल हो रही है कि यह तीसरी लहर का क्या लक्षण हो सकता है। एक सरकारी पैनल के साइंटिस्ट के मुताबिक, यदि कोरोना संबंधी सावधानियों का पालन नहीं किया जाता है तो कोरोना की तीसरी लहर अक्टूबर-नवंबर के बीच चरम पर पहुंच सकती है।

दूसरी लहर के दौरान रोजाना दर्ज होने वाले नए मामलों में कमी आई है यही कारण है कि लोग भविष्य को लेकर लापरवाही बरत रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो तीसरी लहर आना तय है पर यह कब आयेगी यह अभी नहीं कहा जा सकता। कुछ अन्य राज्यों में तीसरी लहर शुरू होने की बात भी की जा रही है जो डेल्टा के मरीजों के सामने आने के बाद कही जा रही है। छत्तीसगढ़ की बात करें तो सरकार यहां भी अलर्ट मोड में है। अस्पतालों को दुरूस्त कर आने वाले समय से निपटने की तैयारी भी कर रही है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने पिछले साल गणितीय मॉडल का उपयोग करके कोरोनो वायरस मामलों में वृद्धि का पूर्वानुमान लगाने के लिए एक पैनल का गठन किया था।

तीन सदस्यीय समिति में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर की भविष्यवाणी करते समय तीन कारक- इम्यूनिटी घटना, टीकाकरण का प्रभाव और अधिक घातक वेरिएंट की आशंका- सामने आए हैं। साझा किए गए ग्राफ के अनुसार, अगस्त के मध्य तक दूसरी लहर के नगण्य होने की संभावना है और तीसरी लहर अक्टूबर और नवंबर के बीच अपने चरम पर पहुंच सकती है। वैज्ञानिक ने कहा कि “निराशावादी” परिदृश्य के मामले में, तीसरी लहर में देश में कोरोना के मामले 1,50,000 से 2,00,000 के बीच पहुंच सकते हैं।

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