रायपुर, राज्य में ’वन्यप्राणी कॉरीडोर संरक्षण एवं संवर्धन’ हेतु चरणबद्ध ढंग से योजना निर्माण के लिए आज 14 जून को वन विद्यालय, जगदलपुर में आयोजित ’प्रशिक्षण सह कार्यशाला’ में वन वृत्त जगदलपुर के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। इसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य वन्य प्राणियों के गलियारों (कॉरीडोर) की पहचान कर उनके संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन के लिए कार्ययोजना राज्य कैम्पा के माध्यम से तैयार किया जाना है।
मुख्य वन संरक्षक जगदलपुर वनवृत्त मो. शाहिद ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य वन्यप्राणी कॉरीडोर का संरक्षण एवं विकास के लिए प्राथमिक सर्वेक्षण कर तद्नुसार योजना का निर्माण करना है। मुख्य वन संरक्षक मो. शाहिद ने अपने प्रारंभिक उद्बोधन में सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों से सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों ही प्रशिक्षण की बारीकियों को समझ कर तद्नुसार स्थल अनुरूप वन्यप्राणी कॉरीडोर के संरक्षण एवं विकास हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। कार्यशाला में जगदलपुर वनवृत्त के समस्त वनमण्डलाधिकारी, कांगेर घाटी नेशनल पार्क के निदेशक, बस्तर वनमण्डल एवं कांगेर घाटी नेशनल पार्क के समस्त उप वनमण्डलाधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी एवं समस्त क्षेत्रीय अमला उपस्थित रहे।
उक्त कार्यशाला में वाईल्ड लाईफ एवं वी. प्रोटेक्शन फाउण्डेशन के जी.आई.एस. एनालिस्ट इश्तिआक अहमद पटेल द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। इसमें मुख्यतः चयनित कॉरीडोर में जी.पी.एस. से नेविगेशन कर पहुंचना एवं वर्तमान में कॉरीडोर से संबंधित आवश्यक प्रपत्रों में वन एवं वन्यप्राणियों से संबंधित जानकारियों को भरे जाने हेतु सैद्धांतिक प्रशिक्षण जगदलपुर में तथा प्रायोगिक पशिक्षण जगदलपुर परिक्षेत्र के गुड़िया बीट में दिया गया।
इसके तहत प्रशिक्षण सह कार्यशाला 15 जून को वनमण्डल सुकमा, 16 जून को वनमण्डल दर्तवाड़ा, 17 जून को वनमण्डल बीजापुर एवं इंद्रावती टायगर रिजर्व में आयोजित है। जगदलपुर में 19 जून को आयोजित कार्यक्रम में समस्त प्रशिक्षण का आंकलन किया जावेगा। कार्यशाला में वनमण्डलाधिकारी बस्तर स्टायलो मण्डावी, निदेशक कांगेर घाटी विजया कुर्रे, वनमण्डलाधिकारी दंतेवाड़ा संदीप बल्गा एवं वनमण्डलाधिकारी सुकमा जाधव सागर रामचंद्र उपस्थित रहे।
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