प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी की आलोचना वाले पोस्टरों के इर्द-गिर्द जारी विवाद थमता नहीं दिख रहा
है, बल्कि दिल्ली पुलिस द्वारा इस मामले में कुछ गिरफ़्तारियाँ
किये जाने के बाद मामले ने और तूल पकड़ ली है.
इस मामले में अब
कांग्रेस पार्टी के लोकसभा सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट
किया है और उन्होंने वही लाइन दोहराई है कि “मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन को विदेश क्यों भेज दिया?”
इसके साथ ही
उन्होंने लिखा है कि “मुझे भी गिरफ़्तार करो.”
कांग्रेस
महासचिव प्रियंका गांधी ने तो उस पोस्टर को ट्विटर पर अपनी प्रोफ़ाइल तस्वीर के
रूप में लगा लिया है. उन्होंने भी वह पोस्टर ट्वीट किया है.
इनसे पहले आम आदमी पार्टी ने
अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उस पोस्टर की कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था
कि “सुना है
ये पोस्टर शेयर करने से पूरा सिस्टम कांपने लगता है.”
क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में गुरुवार को कई जगहों पर कोविड-19 टीकाकरण अभियान के
संबंध में प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना वाले पोस्टर लगे हुए मिले थे.
जिन पोस्टरों को लेकर विवाद है, उन पर लिखा था- “मोदी जी, हमारे
बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेजी?”
बताया गया है कि स्पेशल ब्रांच ने दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन
श्रीवास्तव को पोस्टरों के बारे में जानकारी दी थी जिसके बाद 12 मई रात से ही
दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी. इसके तहत अभी तक कम से कम 25 लोगों को
गिरफ़्तार किया जा चुका है.
दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किये गए लोगों में ज़्यादातर ग़रीब
और मजबूर लोग हैं जिन्होंने अपनी दिहाड़ी के लिए ये पोस्टर जगह-जगह लगाये थे.
ये गिरफ़्तारियाँ ऐसे समय में हुई हैं जब देश समेत राजधानी दिल्ली
महामारी से पार पाने के लिए संघर्ष कर रही है.
अंग्रेज़ी भाषा के अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, गिरफ़्तार किये गए लोगों ने दो
वक़्त की रोटी के इंतज़ाम के लिए पोस्टर लगाए थे. गिरफ़्तार किये गए कुछ लोगों के
परिवार वालों का कहना है कि उन्हें इस बारे में पता भी नहीं था कि ये राजनीतिक
पोस्टर हैं या क्या हैं. उन्होंने तो सिर्फ़ दो-वक़्त के राशन का इंतज़ाम करने के
लिए ये काम किया था.
दिल्ली
पुलिसकर्मियों की शिक़ायतों पर दिल्ली भर में गिरफ़्तारियाँ की गईं हैं. एफ़आईआर
आईपीसी की धारा-188 (लोकसेवक के आदेश की अवमानना), धारा-269 (महामारी के दौर में लापरवाही बरतने और संक्रमण
फैलाने की आशंका) और दिल्ली रोकथाम अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत दर्ज की गई
हैं.
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