औद्योगिक प्रयोजन के लिए अब अविकसित भूमि की प्रब्याजी पूर्व में प्रचलित प्रब्याजी से 44 प्रतिशत कम



मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व और उद्योग मंत्री कवासी लखमा के मार्गदर्शन में राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए राज्य शासन द्वारा औद्योगिक प्रयोजन के लिए अविकसित भूमि की दरों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। औद्योगिक प्रयोजन के लिए लैण्ड बैंक की अविकसित भूमि की दर समीपस्थ निजी भूमि के गाइड लाइन मूल्य का 1.5 गुना निर्धारित की गई है, जो कि पूर्व प्रचलित प्रब्याजी से 44 प्रतिशत कम है। पूर्व में शासकीय भूमि होने की दशा में भूमि की प्रब्याजी उस क्षेत्र में समीपस्थ निजी भूमि के गाइड लाइन मूल्य का 2.66 गुना था। राज्य शासन के इस निर्णय से उद्योगों हेतु आबंटित की जाने वाली भूमि की दरों में कमी होगी, जिससे निवेशकों को उद्योगों की स्थापना एवं रोजगार सृजन के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

 

                उल्लेखनीय है कि प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक संगठनों द्वारा सीएम भूपेश बघेल से उद्योगों के लिए भूमि की आबंटन दरों में पुनर्विचार करने का आग्रह किया गया था, जिस पर मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश के समग्र औद्योगिक विकास को ध्यान में रखते हुए लैण्ड बैंक की अविकसित भूमि की दरों में यथासंभव कमी की गई है। औद्योगिक विकास की दृष्टि से ऐसी भूमि जो औद्योगिक प्रयोजन के लिए अधिग्रहित अथवा हस्तांतरित की गई है तथा जिस पर सर्वे तथा डिमार्केशन को छोड़कर अन्य कोई विकास व्यय नहीं किया गया है, उस भूमि को अविकसित भूमि माना जाता है। पूर्व में इस भूमि की दर अधिक होने के कारण उद्यमी ऐसी भूमि के आबंटन में रूचि नहीं ले रहे थे।


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