स्वास्थ्य
विभाग ने होम आइसोलषन मे रह रहे मरीजों से अपील की है कि वे संबंधित चिकित्सक को
अपने आक्सीजन लेवल, तापमान
, पल्स आदि की सही रीडिंग बताएं
क्योंकि अनेकों बार यह देखा गया है कि होम आइसोलेषन वाले मरीज जब अस्पताल पहुंचते
हैं, तब मालूम होता है कि उन्होने
इसके पूर्व गलत रीडिंग बताई या बताई ही नही,जिसके
कारण गंभीर स्थिति हुई। होम आइसोलेशन के मरीजों को या जो उनकी देखभाल करता है
उसे थर्मामीटर से तापमान लेना ,पल्स
ऑक्सीमीटर से आक्सीजन स्तर लेना
और पल्स की रीडिंग लेना आना चाहिए जो कि बहुत सरल है,यह पल्स ऑक्सीमीटर के जरिए ली
जाती है। उससे दिन में चार बार रीडिंग लेकर मोबाइल के जरिए ही उस चिकित्सक को
भेजना है जो उन्हे एलॉट किया गया है। इसके अतिरिक्त मरीजों को 6मिनट चलने के पहले और 6 मिनट बाद भी आक्सीजन स्तर, आक्सीमीटर से रीेिडं्रग लेना
चाहिए और इसमे तीन अंको का अंतर आने पर डाक्टर को बताना चाहिए। आक्सीजन स्तर 95 से कम होने पर भी चिकित्सक को
जरूर बताना चाहिए। मरीज 104 पर
भी संपर्क कर सकते है। यदि सांस फूल रही है तो तुरंत अस्पताल में भर्ती होना चाहिए
और इस दौरान सीधे लेटना चाहिए जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन बराबर मिले। होम आइसोलेशन
के मरीजों को अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद नही करना चाहिए क्योंकि उनके संपर्क
में आए लोगों की जानकारी विभाग को लेनी होती है ताकि उनके परिजन,मित्र भी समय पर जांच कराएं और
संक्रमण से बच सकें।
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