राज्य में न केवल कोरोना का
संक्रमण बढ़ रहा है बल्कि मृतकों की संख्या भी बढ़ रही है। गत सप्ताह 42 व्यक्तियों की कोरोना से मृत्यु
हुई जबकि फरवरी माह में एवं मार्च के पहले सप्ताह में 27-29 प्रति सप्ताह मृत्यु हुई थी। जनवरी के अंतिम
सप्ताह में 43
मृत्यु हुई थी।
गत
सप्ताह सबसे अधिक रायपुर और दुर्ग जिले में 11-11मृत्यु
हुई। 42
मृतकों में से 33 पुरूष और 9 महिलाएं थी। मृतकों में 30 व्यक्तियों को कोमार्बिडीटी थी।
आज आयोजित राज्य स्तरीय डेथ आडिट समिति में सभी प्रकरणों का रिव्यू किया गया। बैठक
में बताया गया कि मृतकों में 60 वर्ष
से अधिक के व्यक्तियों का प्रतिषत 62 था
जबकि 21
प्रतिषत 45-59 आयु समूह के थे।
सूरजपुर
जिले के 61
वर्ष के पुरूष के
पिता की मृत्यु 1मार्च
को कोविड से हुई थी लेकिन
उन्होने कोरोना जांच कराने से मना किया जबकि परिवार के अन्य सदस्यों ने जांच करवाई
और इलाज भी करवाया। उक्त प्रकरण में 7 मार्च
को पुरूष की तबीयत खराब लगने पर 13मार्च को जांच कराया और सूरजपुर के
बाद अंबिकापुर अस्पताल में भर्ती हुए। लेकिन 14 मार्च को उनकी मृत्यु हुई। इस प्रकरण से यह बात स्पष्ट हुई
कि यदि उन्होने भी समय पर कोरोना जांच करवाकर इलाज किया होता तो उनकी जान बच सकती
थी । इसीलिए चिकित्सक बार -बार सतर्क कर रहे हैं कि लक्षण दिखने के 24 घंटे के अंदर ही कोरोना की जांच
करवा कर इलाज प्रारंभ करना
चाहिए जिससे रिकवरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
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