रायपुर, प्रदेश कांग्रेस संचार
विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने पूछा है कि क्या रमन सिंह जी राम मंदिर
के लिये एकत्रित चंदे का हिसाब नहीं देने को रामकाज समझते है? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने
राम मंदिर के चंदे का हिसाब मांग लिया है तो रमन सिंह जी को क्यों तकलीफ हो रही है? रमन सिंह जी अब यह कम से कम
यह तो न कहे कि चंदे का हिसाब न देना भी रामकाज है। भाजपा को आगे बढ़ाने के लिये
राम नाम और राम नाम से एकत्रित चंदे की धनराशि का उपयोग बंद होना चाहिये। यह तो
स्तरहीन राजनीति की इंतिहा है। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर का निर्माण सुप्रीम
कोर्ट के निर्णय के बाद हो रहा है। मंदिर निर्माण के लिए उच्चतम न्यायालय के
निर्देश पर कमेटी बनी है। मंदिर निर्माण उसी कमेटी की देख रेख में होगा। कमेटी ने
मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए अपना बैंक खाता भी सार्वजनिक किया है जिस किसी
श्रद्धालु को मंदिर निर्माण में सहयोग करना होगा, इसी खाते में सीधे सहयोग कर
सकता है। अब आरएसएस किस हैसियत से मंदिर के नाम पर चंदा एकत्रित करने जा रहा है? उसे चंदा एकत्रित करने के
लिए किसने अधिकृत किया है ?
भाजपा राष्ट्रीय
उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के ट्विट पर प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश
नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अब तो राम मंदिर के चंदे से भाजपा की राजनीति बंद
होनी चाहिये। राम जन्मभूमि की मुहिम के चलते भाजपा की ही तरह आरएसएस के एक और
अनुषांगिक संगठन विश्व हिंदु परिषद ने ईंटो के साथ-साथ 1400 करोड़ रू. एकत्रित किये थे। पूर्व में राम
मंदिर के लिये एकत्रित राम मंदिर के चंदे का कोई हिसाब विश्व हिंदु परिषद या
आरएसएस या भाजपा ने आज तक नहीं दिया है। बिना 1400 करोड़ रूपयों का हिसाब दिये भाजपाई अब फिर से राम नाम पर चंदा मांगने निकल पड़े
है।
प्रदेश कांग्रेस
संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि जब नाथूराम गोड़से ने
महात्मा गांधी को गोली मारी थी तो वे प्रार्थना सभा के लिये जा रहे थे। जहां पर
नियम से राम भजन गाया जाता था ‘रघु पति राघव
राजा राम,
गाया जाता था।
वह प्रार्थना सभा रामकाज थी। राम काज में विघ्न कौन डालता है ये सबको पता है। नाथू
राम गोड़से से आरएसएस और भाजपा का चरित्र राम विरोधी है। इनमें मुंह में राम और बगल
में छूरी है। गोड़से ने गोली मारी तब भी महात्मा गाँधी के मुंह से निकला था ‘हे राम‘। इससे स्पष्ट है कि रामकाज में बाधा कौन डालता है और कौन राम द्रोही है। यह
भारत में तो सबको पता है।
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