“मुख्यमंत्रीजी
आप तो खुद को किसानों का ब्रांड अंबेसडर घोषित कर चुके हैं, पंप कनेक्शन के लंबित आवेदन को पूर्ण करने की सदन
में घोषणा कर दीजिये”…. शीतकालीन सत्र के पहले सदन में विपक्ष ने
कुछ तीखे तीर भी छोड़े तो कुछ हल्की-फुल्की टिप्पणियों से हंसी-ठिठौली का दौर भी
चला। दरअसल आज सदन में पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद प्रश्नकाल के
आखिरी मिनटों में प्रश्नकाल शुरू हुआ। इस दौरान पहला सवाल किसानों के विद्युत पंप
कनेक्शन को लेकर सवाल छन्नू चंदू साहू ने पूछा। मुख्यमंत्री ने उसका जवाब दिया।
उसके बाद सप्लीमेंट्री सवाल पूछते कुरुद विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि….
मुख्यमंत्रीजी सौभाग्य से सदन में मौजूद हैं, स्थायी विद्युत पंप कनेक्शन देने और अस्थायी विद्युत पंप कनेक्शन देने के लिए मुख्यमंत्री जी को सदन में ही घोषणा कर देनी चाहिये, ऐसे भी मुख्यमंत्री जी खुद को किसानों का ब्रांड अंबेसडर घोषित कर चुके हैं”
इधर अजय चंद्राकर की टिप्पणी के बाद खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने चुटकी ली..
“तो आपको मुख्यमंत्री जी के ब्रांड अंबेसडर बनने से क्या दिक्कत है”
अजय चंद्राकर के सवाल का जवाब देने उठे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसी अंदाज में उन्हें जवाब दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि…
“आपको तो हमारे होने में ही तकलीफ है, और देसी घी को प्रचार की जरूरत नहीं पड़ती, मैं किसान के घर पैदा हुआ, किसान हूं और किसान ही रहूंगा, मुझे ब्रांड अंबेसडर बनने की जरूरत नहीं है, जहां तक आपके अस्थायी पंप कनेक्शन के स्थायी पंप कनेक्शन में स्वीकृति की बात है तो ऐसा ना पहले कभी हुआ है और ना कभी होगा। स्थायी पंप के लिए अलग आवेदन होता है और अस्थायी के लिए अलग आवेदन होता है, आपके शासनकाल में तो लक्ष्य भी नहीं तय होता था, हमलोग कम के कम पंप कनेक्शन के लिए लक्ष्य तय कर रहे हैं और उसके अनुरूप काम कर रहे हैं।”
इस दौरान विधासभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी पंप कनेक्शन को लेकर तल्ख लहजे में सवाल दागे, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आप इतना अधीर क्यों हो रहे हैं।
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