रायपुर, 12 दिसम्बर 2020/ छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित
कार्यक्रम पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम को दसवें ईलेट्स नालेज एक्सचेंज समिट एडं
एवाडर््स समिति द्वारा अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस डिजिटल गर्वर्नेंस केटेगिरी में अवार्ड
प्रदान किया गया है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 7 अप्रैल 2020 को पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम को शुभारंभ किया था। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ.
प्रेमसाय सिंह टेकाम ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेश के सभी शिक्षकों को बधाई और
शुभकामनाएं दी हैं।
छत्तीसगढ़ स्कूल
शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने इस ऑनलाइन अवार्ड सेरेमनी को
संबोधित करते हुए इस अवार्ड को छत्तीसगढ़ के शिक्षकों को समर्पित किया है। उन्होंने
कहा कि राज्य के शिक्षकों द्वारा कोरोना लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों द्वारा बच्चों
की पढ़ाई को जारी रखने के लिए किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए कि शिक्षा के लिए
विभिन्न नवाचार किए गए। कोरिया जिले में शिक्षक अशोक लोधी द्वारा अपनी मोटर साइकिल
में टी.वी. बांधकर बैटरी से एलसीडी के माध्यम से गांव-गांव घूमकर बच्चों को पढ़ाई
से संबंधित वीडियो दिखाने का कार्य किया गया। डॉ. शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री
द्वारा भी राज्य के जशपुर के शिक्षक के नवाचार का जिक्र मन की बात में किया गया।
राज्य में
कोरोना काल में बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए तैयार यह वेबसाईट पूर्णतः स्कूल
शिक्षा विभाग द्वारा इनहाउस बिना किसी बाहरी सहयोग से बहुत की कम समय और बहुत ही
कम लागत में तैयार की गई। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा ने इस वेबसाइट की विशेषता का
उल्लेख करते हुए बताया कि इसमें वर्तमान में 24 लाख से अधिक बच्चे और 2
लाख से अधिक शिक्षक
पंजीकृत हैं और इसका लाभ ले रहे हैं। शिक्षकों द्वारा ली जाने वाली ऑनलाइन कक्षाओं
के आधार पर विद्यार्थियों को गृह कार्य दिया जाता है। इस गृह कार्य और असाइनमेंट
की शिक्षक जांच कर बच्चों को फीडबैक भी देने की सुविधा उपलब्ध है। ऐसे पालक जिनके
पास केवल एंड्राइड फोन है,
उनकी सुविधा के
लिए पढ़ई तुंहर दुआर एप की जानकारी देने के साथ-साथ आदिवासी क्षेत्रों में जहां
पालकों के पास साधारण फीचर फोन हैं, उनके लिए बुल्टू के बोल कार्यक्रम के माध्यम से ऑडियो पाठों को हाट-बाजारों
में ब्लू-टूथ के माध्यम से ट्रांसफर करने के सिस्टम से भी अवगत कराया गया।
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