आगरा (उप्र) 20 नवंबर | आगरा के महापौर नवीन जैन ने ताजमहल में रोजाना केवल 5,000 आगंतुकों को अनुमति दिए जाने के प्रतिबंध को हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संस्कृति मंत्रालय को पत्र भेजा है। सितंबर में फिर से खुलने के बाद ताजमहल में गुरुवार को पहली बार दिन में 5,000 लोग पहुंचे थे। वल्र्ड हेरिटेज वीक की शुरूआत के मौके पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने गुरुवार को आगरा में संरक्षित स्मारकों में आगंतुकों को मुफ्त में प्रवेश देने का फैसला किया था।
आगरा के मेयर और ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर्स (एआईसीएम) के अध्यक्ष नवीन जैन ने कहा, "कोविड-19 लॉकडाउन के बाद सभी प्रकार के व्यवसाय, उद्योग, ट्रेन, बसों का संचालन शुरू हो गया है, लेकिन ताजमहल में आगंतुकों के प्रवेश पर प्रतिबंध जारी है। यह आगरा के पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। आगरा में 3.5 लाख से अधिक लोग पर्यटन से आने वाले राजस्व पर निर्भर हैं।"
उन्होंने कहा, "आगरा ईको-सेंसिटिव ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में आता है। ऐसे में पर्यावरण प्रतिबंधों के बाद उद्योगों और व्यवसायों को संचालित करने के वैसे ही कम रास्ते बचते हैं। लोग पैसे कमाने के लिए शहर छोड़ने को मजबूर हैं। ताजमहल से आगंतुकों की संख्या 5,000 तक सीमित करने का प्रतिबंध हटाना चाहिए। ताजमहल पर टिकटों की कालाबाजारी से पर्यटन उद्योग और स्थानीय अर्थव्यवस्था के राजस्व का नुकसान हो रहा है। ऑफलाइन टिकटिंग प्रक्रिया को बिना देरी के फिर से शुरू करना चाहिए।"
गुरुवार को ताजमहल देखने वाले पर्यटकों की संख्या 5,800 थी, जिसमें 800 बच्चे थे। 15 साल तक के बच्चों के लिए कोई टिकट नहीं है। वहीं आगरा के किले में 2,500 लोग पहुंचे। जबकि कोविड काल से पहले ताज और आगरा में रोजाना औसतन क्रमश- 25,000 और 15,000 लोग पहुंचते थे।
एएसआई (आगरा सर्कल) के सुपरिटेंडिंग आॅर्कियोलॉजिस्ट वसंत स्वर्णकार ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है।
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